नई दिल्ली(एजेंसी):पंजाब, हरियाणा के किसान ‘दिल्ली चलो 2.0’ के नारे के साथ एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच कर चुके हैं। दिल्ली पुलिस ने सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं। सरकार और किसानों के बीच लंबी बातचीत चली लेकिन नतीजा बेअसर निकला और किसान ट्रैक्टर और ट्राली के साथ दिल्ली आ रहे हैं।
सवाल ये है कि आखिर हजारों किसके नेतृत्व में हजारों की तादाद में किसान दिल्ली की ओर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने बढ़ रहे हैं।
- इस बार ‘दिल्ली चलो’ मोर्चे का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनल तले 250 किसान संघों के जरिए किया जा रहा है।
- भारतीय किसान यूनियन (BKU) फार्म यूनियन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है। इस यूनियन के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल हैं।
- किसान मजदूर मोर्चा भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। इस संगठन में 18 किसान समूह हैं। पंजाब स्थित किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर इस संगठन के नेता हैं। यह संगठन साल 2020 में विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था।
एसकेएम ने बना ली दूरी
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस बार विरोध प्रदर्शन से दूरी बना ली है। हालांकि,एसकेएम और अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
राकेश टिकैत ने क्या कहा?
किसान नेता राकेश टिकैत (भारतीय किसान यूनियन) भी इस दिल्ली चलो विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं। हालांकि, बीकेयू भी 16 फरवरी को भारत बंद का समर्थन करने वाली है। किसान नेता और राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने कहा कि हमेशा हर मांग को लेकर दिल्ली कूच करना ठीक नहीं है।