खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने मूंगफली की खेती पर जोर 1500 एकड़ में प्रदर्शन खेती की तैयारी शुरू

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कोरबा@M4S:इस खरीफ सीजन में कृषि विभाग की ओर से किसानों को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मूंगफली की खेती पर जोर दे रही है। 1500 एकड़ में मूंगफली की प्रदर्शन खेती की तैयारी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य तेल के उत्पाद में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए नेशनल मिशन आफ इटेबल आयल के तहत योजना के तहत किसानों को रियायत दर में उपचारित बीज प्रदान की जाएगी। साथ ही किसानों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
किसानों ने खरीफ सीजन की फसल की तैयारियां शुरू कर दी है। कृषि विभाग ने किसानों को रियायत दर में खाद, बीज भंडारण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। फसल परिवर्तन को बढ़ावा देने और कम लागत में अधिक मूल्य वाले फसल के प्रति किसानों का ध्यान आकर्षित करने लिए इस बार जिले में मूंगफली की प्रदर्शन खेती पर जोर दिया जा रहा है। पोड़ी उपरोड़ा, पाली, कोरबा के मैदानी खेतों में मूंगफली उत्पादन की संभावनाएं तलाश रही है। जिला कृषि अधिकारी के अनुसार प्रति एकड़ मूंगफली की खेती में 20 हजार लागत लगता है। खर्च काटकर उत्पादन से 70 हजार रुपये की आय होती है। मूंगफली का तेल निकालने की प्रक्रिया प्रारंभ करने से प्रति एकड़ 80 हजार रुपये तक आय प्राप्त हो सकती है। बताया जा रहा है कि धान की तुलना में अधिक कमाई होती है। यह फसल तीन माह में तैयार हो जाती है। प्रदर्शन खेती के लिए विभाग ने किसानों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। मूंगफली उत्पादन के बाद उसके भंडारण, सुरक्षा व तेल उत्पादन की विधि से भी किसानों को अवगत कराया जाएगा। शासन ने खरीफ फसल के अंतर्गत विभिन्न् उत्पादों को लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। मूंगफली की खेती करने के लिए विभाग द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए उत्पादन के विधि भी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मूंगफली की बोआई के लिए मैदानी खेत ही उपयुक्त है। मूंगफली की खेती करने पर धान की अपेक्षा काफी कम पानी की जरूरत होती है। अधिकारी ने बताया कि प्रति किलो धान के लिए चार लीटर पानी की जरूरत होती है। इसकी तुलना में मूंगफली मात्र एक से डेढ़ लीटर पानी में ही तैयार हो जाता है। इसकी बोआई जुलाई से अगस्त महीने में की जाती है। धान की अपेक्षा मूंगफली की खेती में नुकसान कम होता है। असिंचित ओर वर्षा आश्रित खेतों के लिए इसकी खेती उपयुक्त है।

इस साल बढ़ाया गया रकबा
कृषि विभाग ने फसल चक्र के तहत पिछले साल जिले में मूंगफली का फसल 2,100 एकड़ लगाई गई थी। इस साल मूंगफली के क्षेत्राच्छादन में 200 एकड़ की बढ़ाकर 2,300 एकड़ में बोआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नेशनल मिशन आफ इटेबल आयल के तहत इस बार 1500 एकड़ भूमि में इसकी प्रदर्शन खेती की जाएगी। इसके लिए किसानों का चयन किया जा रहा है।

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