नई दिल्ली(एजेंसी):दक्षिणी राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होंगे, जबकि साल भर बाद देश में 2024 का आम चुनाव होगा। इन चुनावों के लिए सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस बीच सरकार ने नौकरी से लेकर रोजमर्रा की चीजों तक लोगों को राहत देने वाले कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे हैं कि चुनावी साल में केंद्र सरकार सभी वर्गों को कुछ-न-कुछ राहत देकर अपनी राह आसान करना चाह रही है। आइये जानते हैं हाल ही में किए गए ऐसे ही कुछ फैसलों के बारे में.
1. अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण
इस साल लाखों युवाओं के लिए सरकार सरकारी नौकरी का पिटारा खोलेगी। अकेले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 1.30 लाख कांस्टेबलों की भर्ती की जाएगी। इनमें 10 फीसदी पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, कुल 1,29,929 पदों में 1,25,262 पुरुष और 4,667 महिला अभ्यर्थियों के लिए होंगे। अर्थियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास रखी गई है। भर्ती जनरल क्यूटी कैडर के कॉस्टेबल पदों के लिए है। इन्हें सामान्य केंद्रीय सेवा में ग्रुप-सी गैर-राजपत्रित श्रेणी में रखा जाएगा। सभी भर्तियां भारतीय नागरिकों के लिए हैं। सेवानिवृत्ति 60 वर्ष की आयु में होगी। आयु 18 से 23 वर्ष रखी गई है।
जानकारी के मुताबिक, पहले बैच को अधिकतम आयु में पांच वर्ष और पूर्व अग्निवीरों को तीन वर्ष तक की छूट मिलेगी। इन्हें शारीरिक क्षमता परीक्षण (पीईटी) से भी नहीं गुजरना होगा। एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष व ओबीसी को तीन वर्ष की छूट मिलेगी। वहीं, 71 हजार युवाओं को पीएम नियुक्ति पत्र देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 71 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इनमें सर्वाधिक 50 हजार नौकरियां रेलवे विभाग की हैं।
2. रेपो दर में बदलाव नहीं, ईएमआई नहीं बढ़ेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लोगों को राहत देते हुए इस बार रेपो दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की। उसे 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। साथ ही, खुदरा महंगाई के भी काबू में रहने का अनुमान जताया है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को बताया था कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सभी छह सदस्यों की सहमति से रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे कर्ज लेने वालों को मासिक किस्त (ईएमआई) नहीं बढ़ेगी। हालांकि, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो दर में बदलाव न होना स्थायी कदम नहीं है। भविष्य में ब्याज दर के मोर्चे पर जरूरत के हिसाब से कदम उठाया जाएगा।
इसके साथ ही आरबीआई ने खुदरा महंगाई के अनुमान को मामूली घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया था। फरवरी का अनुमान 5.3 फीसदी था। दास ने कहा कि कच्चे तेल के दाम औसतन 85 डॉलर प्रति बैरल पर रहते हैं तो चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.2% रहेगी। पहली तिमाही में मह 5.1%, दूसरी व तीसरी तिमाही में 5.4% और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रह सकती है। आरबीआई ने इस वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 0.1 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दी है। पहले अनुमान 6.4 फीसदी था। दास ने कहा था कि रबी फसल का उत्पादन 6.2 फीसदी बढ़ने कमोडिटी की कीमतों में नरमी और सरकार को पूजीगत खर्च की योजना के चलते यह बढ़ोतरी की है। 2022-23 का अनुमान 7 फीसदी है। विकास दर 2023-24 की पहली तिमाही में 7.8%, दूसरी में 6.2% तीसरी तिमाही में 6.19% और चौथी तिमाही में 5.9% रह सकती है।