मीडिया अनुप्रमाणन एवं मॉनिटरिंग समिति के सदस्यों को दिया गया प्रशिक्षण
बिना अनुमति के विज्ञापन प्रकाशित कराने पर नियमानुसार की जाएगी कार्यवाही
कोरबा@M4S:विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय मीडिया अनुप्रमाणन एवं मॉनिटरिंग समिति के सदस्यों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिये भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं के अनुरूप आदर्श आचार संहिता, राजनीतिक विज्ञापन, पेड न्यूज, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार हेतु मापदंड की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर्स डा.एम.एम.जोशी ने आदर्श आचार संहिता के संबंध में विस्तार से बताया।
डॉ. जोशी ने बताया कि मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति द्वारा पेड न्यूज की मॉनिटरिंग की जायेगी। पेड न्यूज होने पर उसकी जानकारी समिति द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर को दिया जायेगा। रिटर्निंग आफिसर द्वारा उम्मीदवार को नोटिस जारी किया जायेगा। जिले में गठित एमसीएमसी द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया, केबल नेटवर्क, सोशल मीडिया आदि पर जारी किये जाने वाले विज्ञापनों की सत्त मानिटरिंग की जायेगी। विज्ञापन प्रकाशित होने पर जो भी खर्च है उसे अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जायेगा। अलग-अलग इलेक्ट्रानिक चैनलों में यदि एक ही तरह के फोटो और मैटर लगातार एक ही अभ्यर्थी के पक्ष में प्रचार हो तो ऐसे समाचार प्रसारण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। ऐसी सभी समाचार पेड न्यूज की श्रेणी में शामिल होंगे तथा उसका खर्च संबंधित अभ्यर्थी के निर्वाचन खर्च में जोड़ा जायेगा।
डॉ. जोशी ने बताया कि राजनीतिक दल एवं निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा।
प्रशिक्षण में बताया गया कि निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। आदर्श आचार संहित घोषणा के बाद मीडिया सेंटर सक्रियतापूर्वक कार्य करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी दी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेंट, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडऩे, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कटेन्ट नहीं होना चाहिए। इस दौरान मीडिया प्रमाणन के संबंध में सर्वाेच्च न्यायालय व निर्वाचन आयोग के निर्देश, प्रमाणन के आधार, समिति का अधिकार क्षेत्र, मीडिया प्रमाणन की आवश्यकता, मीडिया निगरानी, पेड न्यूज, फेक न्यूज सहित अन्य विषय पर जानकारी दी गई।
इस अवसर उप जिला निर्वाचन सीमा पात्रे, एमसीएमसी के नोडल अधिकारी सेवाराम दीवान संयुक्त कलेक्टर, वरिष्ठ कोषालय अधिकारीपी. आर. महादेवा, सदस्य साधना खरे, डिप्टी कलेक्टर सरोज महिलांगे, डॉ. राजेश कुमार सक्सेना,निलेश कुजुर मण्डल अभियंता बीएसएनएल, हेमंत कुमार जायसवाल जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी,कमलज्योति जिला जनसंपर्क अधिकारी आदि उपस्थित थे।
पेड न्यूज,राजनीतिक विज्ञापन सहित सोशल मीडिया पर चुनावी प्रचार की होगी मॉनिटरिंग
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