नई दिल्ली(एजेंसी): शादी के समय लोग अलग-अलग तरह के गिफ्ट देते हैं। वही बहुत से रिश्तेदार गोल्ड देना बेहतर समझते हैं। क्योंकि इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। जब विश्व अर्थव्यवस्था में स्थिति बैलेंस नहीं रहती, तो ऐसे में लोग सुरक्षित निवेश गोल्ड की ओर भागते हैं। इसलिए लोग इसे गिफ्ट में देना भी पसंद करते हैं। इसे गिफ्ट में देने का एक और कारण ये भी है कि कीमत में कभी भी गिरावट नहीं आती।
कितना देना होगा टैक्स ?
अगर गिफ्ट में मिले सोने की वस्तु या आभूषण की कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा होती है, तो इसे Income from Other Source माना जाता है। इसलिए ये टैक्सेबल बन जाता है। हालांकि अगर कोई करीब के रिश्तेदार द्वारा गोल्ड गिफ्ट में दिया गया है, तो ये टैक्स फ्री हो जाता है। इन रिश्तेदारों में:
माता-पिता
लाइफ पार्टनर
दादा- दादी या नाना नानी इत्यादि शामिल होते हैं।
ICRA की रिपोर्ट में ये तथ्य आए सामने
ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड (मूल्य के आधार पर) में 12 से 14 फीसदी की बढ़ोतरी आ सकती है। हालांकि लोग अब सोना कम मात्रा में खरीद रहे हैं। मसलन पहले कम कीमत के चलते अगर कोई 20 ग्राम सोना ले रहा था, तो अब बढ़ती कीमत की वजह से उसने ये मात्रा घटाकर 10 ग्राम कर दिया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि लोग अब ज्यादा मात्रा में सोने से बने सिक्के और बार खरीदने लगे हैं। वित्त वर्ष 2025-26 में सिक्के और बार की खरीदारी (मात्रा) में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। पिछले वित्त वर्ष इसमें 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बढ़ोतरी के बाद सोने की कुल बिक्री में सिक्के और बार की हिस्सेदारी बढ़कर 35 फीसदी हो जाएगी।
बढ़ती कीमत के बाद भी लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि विश्व अर्थव्यस्था में अनिश्चितता बढ़ रही है, जिसकी वजह से लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर बढ़ रहे हैं।