कोरबा@M4S:जिला खनिज न्यास मद से शहर में पहली सरकारी सर्वसुविधायुक्त दिव्यांग विद्यालय सह-छात्रावास उमंग की शुरुआत की गई है। शहर के समीप डिंगापुर बस्ती के समीप दिव्यांग विद्यालय सह-छात्रावास की स्थापना का कार्य पूरा कर लिया गया है। सरकारी स्कूल में पढऩे वाले ऐसे बच्चे जो किसी शारीरिक कमी से जूझ रहे हैं और दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं उनके लिए यह किसी बड़े सौगात की तरह है।
अब तक जिले में दिव्यांग बच्चों के लिए जो भी स्कूल संचालित किया जा रहे हैं, वह किसी ना किसी सामाजिक संस्था या निजी व्यक्ति के द्वारा ही संचालित हैं। ये पहला अवसर है, जब जिले में किसी सरकारी आवासीय दिव्यांग विद्यालय की शुरुआत हुई है। हाल में मंत्री लखनलाल देवांगन ने दिव्यांग विद्यालय सह-छात्रावास का लोकार्पण किया था। मंत्री देवांगन ने कहा था कि यहां पढऩे वाले दिव्यांग बच्चों के लिए यह बड़ी राहत वाली बात है। जो बच्चे सरकारी स्कूलों में किसी ने अक्षमता से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह योजना फायदेमंद है। निकट भविष्य में सुविधा का और भी विस्तार किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने वाले ऐसे बच्चे जो किसी न किसी शारीरिक कमी से जूझ रहे हैं उनका चिन्हांकन किया गया है। फिलहाल 42 बच्चों का चिन्हांकन कर लिया गया है। बच्चों को डिंगापुर स्थित दिव्यांग विद्यालय उमंग में दाखिला दिया गया है। यह विद्यालय 50 सीटर है। जहां रहने खाने की भी व्यवस्था मिलेगी। बच्चों को ड्रेस और दूसरे सामान भी मुफ्त दिए जाएंगे। फिलहाल यहां पहली से आठवीं तक की कक्षाओं का संचालन होगा। आने वाले समय में उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर, इसका विस्तार किया जाएगा। दिव्यांग बच्चों के लिए यह जिले में पहला सरकारी विद्यालय है।
डीएमएफ न्यास फंड से खुला छात्रावास
खनिज न्यास फंड से होने वाले कार्य अक्सर सवालों के घेरे में आ जाते हैं, लेकिन कुछ अच्छे काम भी हो रहे हैं। दिव्यांग विद्यालय की शुरुआत करना इन्हीं कार्यों में से एक है। दिव्यांग विद्यालय उमंग में छात्रावास में पठन-पाठन, प्रशिक्षण, आवास, भोजन सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई है। इस भवन में शिक्षण-प्रशिक्षण कक्ष, सेरेब्रल पॉलिसी-बहुदिव्यांग, मल्टीसेन्सरी विकास कक्ष, स्मार्ट क्लास रूम, मानसिक मंदता कक्ष, श्रवण वाणी बाधित कक्ष, पूर्ण-अल्प दृष्टि दिव्यांग कक्ष, बालक-बालिका के लिए पृथक-पृथक शयन कक्ष, मनोरंजन संगीत कक्ष, फिजियो व्यायाम कक्ष, किचन, भोजन एवं स्वल्पाहार हाल, शौचालय स्नानागार, स्टाफ रूम, पंजीयन काउंटर सहित अन्य विविध व्यवस्थाएं की गई हैं। ताकि दिव्यांग बच्चों को पठन-पाठन, बहुआयामी प्रशिक्षण और गतिविधियों की सहज सुलभ सुविधा उपलब्ध हो सके।