जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरबा में भारी वाहनों से अवैध वसूली के चक्कर में लग रहे घंटों के ट्रॉफिक जाम की स्थिति से आम नागरिकों को राहत दिलाने पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र

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कोरबा@M4S:कोरबा जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण एवं शहर सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं सपना चौहान ने संयुक्त पत्र जारी करते हुए पुलिस महानिदेशक को अवगत कराते हुए लिखा है कि कोरबा में अवैध वसूली अभियान के तहत न केवल कोरबा शहर बल्कि कोरबा तक पहुंचने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर कागजातों की जांच व वाहन चेकिंग के नाम पर भारी वाहनों का निरंतर जाम लगा रहता है। पत्र में आगे लिखा गया है कि ऊर्जाधानी में अनेक विद्युत संयंत्रों के अलावा एस.ई.सी.एल. की अनेक कायेला खदाने हैं जहां से सड़क मार्ग द्वारा कोयला ढ़ुलाई के अलावा अन्य सामग्रियों के परिवहन के लिए निर्वाध तौर पर विभिन्न संयंत्रों के लिए भारी मालवाहकों का निरंतर आवागमन बना रहता है।  पत्र में आगे लिखा गया है कि कोरबा शहर व बाहरी क्षेत्रों से जुड़नेवाले किसी भी मार्ग पर आवागमन के लिए आम नागरिकों को जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है और 5-10 किलोमीटर की दूरी तय करने में भी घंटों का समय लग जाना आम बात हो गई है। इस तरह से लगनेवाले जाम की स्थिति का मुख्य कारण लाईन से भारी वाहनों को कहीं पर भी रोककर चेकिंग के नाम पर अवैध वसली का कारोबार किया जाना है।
ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने साक्ष प्रस्तुत करते हुए लिखा है कि दिनांक 30 जुलाई को शाम के समय वे स्वयं अम्बिकापुर से जब कोरबा वापस आ रहे थे तो देखा कि कोरबा शहर के बाहरी हिस्सों में जंगल के सुनसान क्षेत्र में यातायात विभाग के तीन स्थानों पर कॉंस्टेबलों द्वारा ट्रकों को रोक कर चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली अभियान चलाया जा रहा था जबकि उनके साथ कोई भी सक्षम अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। उनके द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के अनैतिक कार्य से सड़क पर दोनों तरफ ट्रकों की लम्बी कतारें लग गई थी।  यह एक दिन का सिलसिला नहीं है, लोगों ने बताया कि आए दिन ऐसी स्थिति बनती रहती है और अब तो आम नागरिकों, मरीजों व जरूरी कार्य से कहीं भी जाने-आने वाले व्यक्तियों को भारी कठिनाईयों व असुविधा का सामना करने के लिए मजबूर होना आम बात हो गई है। इतना ही कोरबा नगरीय क्षेत्र से बाहर भी सुनसान क्षेत्रों में वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली का गोरखधंधा भलीभंाति संचालित है।
अध्यक्ष ने पत्र में आगे लिखा है कि कोरबा शहर के भीतर भी हर मार्ग पर जिधर से भी भारी वाहन शहर में प्रवेश करते हैं कागजात व वाहन चेकिंग के नाम पर ट्रॉफिक जाम की स्थिति निर्मित की जाती है जबकि चौक चौराहों पर ट्रॉफिक क्लीयर करने के लिए एक भी सिपाही की तैनाती नहीं दिखाई पड़ती है। वर्तमान में खेती किसानी का कार्य चल रहा है, ऐसे कृषक जिनकी कृषि भूमि एक गांव से दूसरे गांव में है कृषि कार्य की वेशभूशा में होने के कारण आवश्यक कागजात लेकर चलना संभव नहीं है, उन्हें भी कागजात जांच के ना पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पत्र में अपेक्षा की गई है कि इस तरह से अवैध वसूली अभियान का कारोबार किस अधिकारी के आदेश निर्देश पर कोरबा में जारी है, समझ से परे है जिसकी वजह से कोरबा के आम नागरिकों को रोजमर्रा की जिंदगी में जाम की स्थिति का सामना करना उनकी नियति बन गई है, इसका खुलासा किया जाएगा क्योंकि कोरबा की जनता को यह जानने का पूरा अधिकार  है।
पत्र में पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया गया है कि कोरबा शहर व निकटवर्ती क्षेत्रों में जाम की स्थिति से आम नागरिकों को आए दिन हो रही कठिनाईयों की समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करेंगे क्योंकि इस गंभीर समस्या को लेकर जनमानस में भारी आक्रोश व्याप्त है जो कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। उक्त पत्र की प्रति कलेक्टर कोरबा एवं पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर को भी प्रेषित किया गया है।
इसी तारतम्य में पत्र मं आगे लिखा गया है कि भारत एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (बालको) में विद्युत संयंत्रों की जरूरतों के लिए सड़क मार्ग से कोयला परिवहन के साथ ही संयंत्र से निस्तारित फ्लाई ऐश का परिवहन तो सड़क मार्ग से कर ही रहा है, संयंत्र विस्तार परियोजना के तहत बड़े पैमाने पर मशीनरी आदि की आपूर्ति भारी वाहनों के जरिए संयंत्र सथल तक करवाया जा रहा है। आश्चर्य है कि इतने बड़े पैमाने पर बालको संयंत्र का कार्य चल रहा है जिसमें प्रतिदिन हजारों भारी वाहनों का आवागमन जारी रहता है लेकिन इनके पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं है और सभी दिशाओं से भारी वाहनों का जाम लगा रहता है जिसमें फंस कर आम आदमी को गंभीर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। बालको संयंत्र तक पहुंचने के लिए भारी वाहनों की वजह से सड़कें व पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो चुके है। जिनके नियमित रखरखाव की ओर भी बालको प्रबंधन ध्यान नहीं देेता है। अतएव पुलिस महानिदेशक से अपेक्षा है कि अपने तरीके से उपर्युक्त बातों की जांच करवाकर बालको प्रबंधन को तत्काल निर्देश जारी करें कि बालको में आनेवाले और बालको से जानेवाले भारी वाहनों को नियंत्रित करे नही ंतो विवश होकर बालको संयंत्र के कार्य में परिवहन पर लगे भारी वाहनों को नगर निगम के बाहर ही रोककर आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी।
पत्र के अंत में आग्रहपूर्वक अपेक्षा की गई है कि एक सप्ताह के भीतर इस समस्या के मूल कारणों का पता लगाकर आम नागरिकों के हित में पुलिस महानिदेशक द्वारा समाधान अवश्य करवाया जावेगा अन्यथा आम नागरिकों को प्रशासन के विरूद्ध सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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