असंतुष्ट पदोन्नत प्रधान पाठकों ने सहायक संचालक पर लगाए गंभीर आरोप  के आर डहरिया व सहायक ग्रेड 3 चौकसे को हटाने की मांग

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कोरबा@M4S: सहायक संचालक केआर डहरिया शिक्षकों को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने मजबूर कर रहे हैं। उनके विरूद्ध भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने, पदोन्नति में जानबूझ कर विसंगतियां पैदा करने और शासन की छवि धूमिल करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा से शिकायत की गई है। असंतुष्ट पदोन्नत प्रधानपाठकों ने यह शिकायत करते हुए सहायक संचालक डहरिया व शिक्षा विभाग में सहायक ग्रेड 3 चौकसे को तत्काल हटाने की मांग की है।
काउंसिलिंग समिति से विवादित और अव्यवहारिक बताते हुए सहायक संचालक डहरिया व सहायक गे्रड 3 चौकसे के विरूद्ध की गई शिकायत में 9 बिंदुओं पर असंतुष्ट पदोन्नत प्रधानपाठकों ने अपनी व्यथा व्यक्त की है। शिकायत में कहा गया है कि प्रधानपाठक आए दिन कुछ न कुछ आदेश जारी होने से मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। पारदर्शिता के साथ कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। अब तक डीईओ कोरबा की वेबसाइट भी नहीं बनाई गई है। आरटीआई अधिनियम 2005 के तहत जानकारी भी नहीं दी जाती है। शिकायत में सहायक संचालक डहरिया पर आरोप लगाया गया है कि वे अपने पद व शासकीय दायित्वों के विपरीत आचरण कर रहे हैं। उन्होंने शासकीय कार्यों में पारदर्शिता की बजाए प्रभारी लिपिक चौकसे को अपनी सील व हस्ताक्षर से विधि विरूद्ध कार्य करने आदेश दिया था। ऐसे गैर जिम्मेदार व विवादित अधिकारी को काउंसिलिंग समिति में रखना अहितकर है। मांग की गई है कि डहरिया को उनकी मूल संस्था में वापस भेज दिया जाए और उन पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाए। शिकायत में लिखा है कि सहायक ग्रेड 3 चौकसे को तत्काल इस कार्य से पृथक किया जाए जो कुछ अधिकारी के दिए गए विधि विरूद्ध निर्देशों का विरोध नहीं करते हैं और भ्रष्टाचार व अपारदर्शितापूर्ण कार्रवाई करने विवश हो रहे हैं। असंतुष्ट पदोन्नत प्रधानपाठकों ने मांग की है कि काउंसिलिंग समिति में महिला प्राचार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिसमें इस विभाग के वरिष्ठ प्राचार्यों, एबीईओ जैसे श्रीमती इंदु अग्रवाल, श्रीमती साव, सुश्री श्वेता अग्रवाल, सुश्री प्रीति खैरवार या अन्य को समिति का सदस्य बनाया जाए। इसके अलावा डीईओ व समस्त बीईओ की वेबसाइट बनाए जाने और विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों, आदेशों को तत्काल साइट पर अपलोड कर पारदर्शितापूर्ण कार्य किए जान की मांग की गई है। विभाग द्वारा एक वाट्सएप नंबर सार्वजनिक करने और उसी में आवेदन स्वीकार करने की व्यवस्था भी मांगी गई है। इसी तरह काउंसिलिंग से पूर्व सभी पदोन्नत एचएम की सूची और रिक्त पद व स्थान की सूची संकुल के साथ सार्वजनिक कर वेबसाइट पर अपलोड किए जाने की मांग की गई है। शिकायत करने वाले असंतुष्ट पदोन्नत प्रधानपाठकों ने आस्को फ्रांसिस, अमेय पटेल, हेमंत गभेल, पुष्पा कमल, मिसल मिंज, अंजुमनी मिंज, नीतिन कुमार, हेमा शर्मा, एसके अग्रवाल, कीर्ति कुमार कोर्राम, आरएल कंवर, सरिता शामिल है। शिकायत की प्रतिलिपि राज्यपाल, महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक डीपीआई व संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग बिलासपुर को भी प्रेषित की गई है।
डीईओ दफ्तर में तालाबंदी की चेतावनी
असंतुष्ट पदोन्नत प्रधानपाठकों ने लिखा है कि सहायक संचालक डहरिया सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी व दस्तावेज नहीं देते जो गंभीर लापरवाही व शासन के नियमों के विपरीत है। इस संबंध में तत्काल जन सूचना अधिकारी किसी और को बनाए जाने की मांग की है ताकि पारदर्शितापूर्ण आवेदनों का निराकरण हो सके। यह भी मांग की गई है कि इस संबंध में डहरिया के विरूद्ध उच्च कार्यालय को अनुशासनहीनता की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने पत्र जारी किया जाए। शिकायत में कहा गया है कि समस्त पदोन्नत एचएम से अभ्यावेदन लेकर डरा धमकाकर व भयादोहन कर वसूली की गई राशि को वापस किया जाए। 9 बिंदुओं की शिकायत का समाधान व मांगों को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में न लिया गया और समस्या का समाधान न किया गया तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि अगर उन्हें समाधान न मिला तो डीईओ कोरबा कार्यालय में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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