भूविस्थापित-किसान न्याय यात्रा  एसईसीएल गेवरा मुख्यालय से कल होगी रवाना

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4 दिवसीय पदयात्रा कर 5 दिसम्बर को सीएमडी और मुख्य न्यायाधीश को मांग पत्र सौपी जाएगी

कोरबा@M4S:ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के आव्हान पर जिले के कोयला खदानों सहित किसानो के ज्वलन्त मुद्दों पर कल 2 दिसम्बर से न्याय यात्रा निकाली जा रही है जो चार दिनों का पदयात्रा पूरा कर 5 दिसम्बर को एसईसीएल मुख्यालय में प्रदर्शन के बाद माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश को अपने विभिन्न समस्याओं के निराकरण कराने के लिए मांग पत्र सौपी जाएगी ।

सन्गठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया है कि न्याय यात्रा एसईसीएल के गेवरा से 2 दिसम्बर की सुबह 9 बजे आरम्भ होगी औऱ दीपका परियोजना , अम्बिका परियोजना , करतली परियोजना सराईपाली परियोजना से होकर गुजरेगी और पाली रतनपुर मार्ग से होते हुए 5 दिसम्बर को सीएमडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर हाईकोर्ट तक जाएगी तथा मुख्य न्यायाधीश को सम्बोधित मांग पत्र सौपी जाएगी । उन्होंने बताया कि
न्याय यात्रा को कामयाब बनाने के लिए पूरे क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार किया गया है पर्चे ,पोस्टर , दीवाल लेखन , नुक्कड़ मीटिंग कर भूविस्थापित परिवार ,सामाजिक व राजनीतिक संगठनों सहित आमजनो को इस आयोजन में तन मन धन से सहयोग की अपील किया है । उन्होंने हाईकोर्ट में मांग पत्र देने के कारणों पर कहा है कि भूविस्थापित अपने रोजगार ,बसाहट मुआवजा की मांगों पर एसईसीएल प्रबन्धन तथा जिला प्रशासन से उम्मीद खो चुके हैं कोर्ट के फैसले पर भी कार्यवाही करने में कोताही बरती जाती है और नीतियों का हवाला देकर मामले को उलझाकर रखे जाने से हाईकोर्ट में मामलों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है और रोजगार की आस में नौजवान बूढ़े होते जा रहे हैं ।

गौरतलब है कि कोरबा पूरे देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला है । आजादी के पहले से यहां पर कोयला खदान अस्तित्व में आ चुका है और लगभग 60 साल पूर्व से आद्योगिक हब बन चुका है । कोयला खदान सहित अन्य आद्योगिक संस्थानों की स्थापना के लिए सैकड़ो गांवों में बसे हजारो किसानों की कृषि जमीन अर्जित कर लिए गए । किन्तु विकास की अवधारणा मूल निवासियों के लिए कोसो दूर ही रहा है । जमीन खोने वाले भूविस्थापित परिवार अपनी जायज अधिकार के लिए भटकने को मजबूर होने के कारण सड़क और कानूनी संघर्ष के जरिये अपनी मांगों को उठा रहे हैं । आये दिन खदान बंदी हो रही है और रोजगार , मुआवजा के लिए कोर्ट के आदेश को भी नही मानने वाले एसईसीएल प्रबन्धन और जिला प्रशासन पर सख्ती से लागू कराने तथा केंद्र व राज्य सरकारों के नीतियों में संशोधन कराने की मांग करते हुए एसईसीएल गेवरा क्षेत्रीय कार्यालय से सीएमडी ऑफिस होते हुए हाई कोर्ट बिलासपुर तक पदयात्रा कर भूविस्थापितों की समस्या को राष्ट्रीय स्तर तक पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है ।

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