महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने इस मामले में तीन FIR दर्ज की हैं। साजिशकर्ताओं ने सभी लोगों से सोशल मीडिया के जरिए संपर्क किया था। उन्हें थाईलैंड और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में ज्यादा पैसे कमाने की लालच देकर म्यांमार ले जाने की प्लानिंग थी। हालांकि साइबर पुलिस ने साजिशकर्ताओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
जानकारी के अनुसार एजेंट्स ने सभी 60 लोगों का पासपोर्ट बनवाया और उन्हें विमान की टिकट भी लाकर दी। एजेंट्स ने सभी के लिए थाईलैंड का टूरिस्ट वीजा बनवाया था। थाईलैंड पहुंचने के बाद सभी को बॉर्डर के रास्ते म्यांमार ले जाया जाता।
साइबर गुलामी की साजिश का शिकार हुए 60 लोगों को नाव से नदी पार करवाई जाती और फिर हथियारों से लैस कुछ लोग उन्हें संरक्षित परिसर में लेकर जाते, जहां उनसे जबरन साइबर अपराध करवाए जाते। म्यांमार में कई लोग ऐसे ही साइबर अपराध के गिरोह चलाते हैं, जहां से डिजिटल अरेस्ट और झूठे निवेश के जरिए ठगी को अंजाम दिया जाता है।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने कई अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 60 लोगों को म्यांमार के इस गिरोह का शिकार बनने से बचाया है। साइबर पुलिस ने बताया कि पीड़ितों से पूछताछ में इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इन एजेंट का पूरा नेटवर्क है, जो भारत में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ज्यादा सैलरी का झांसा देकर म्यांमार ले जाता है।
5 एजेंट गिरफ्तार
60 लोगों के रेस्क्यू के दौरान पुलिस ने 5 एजेंट्स को हिरासत में लिया है। इस लिस्ट में मनीष ग्रे अलियास मैडी, ताईसन अलियास आदित्य रवि चंद्रन, रूपनारायण रामधर गुप्ता, जेंसी रानी डी और चीनी-कजाकिस्तानी नागरिक तालानीती नुलक्सी का नाम शामिल है। यह सभी लोग भर्ती एजेंट का काम करते थे।
भारत में शाखा खोलने की तैयारी
बता दें कि मनीष ग्रे अलियास मैडी एक प्रोफेशनल एक्टर हैं, जो कई टीवी शोज और वेब सीरीज में भी नजर आ चुका है। एक्टिंग के अलावा मनीष साइबर अपराध वाले गिरोह का भी हिस्सा था। इसके अलावा तालंती नुलक्सी म्यांमार में मौजूद इस गिरोह की एक शाखा भारत में खोलने की तैयारी कर रहा था। हालांकि पुलिस ने अब सभी को गिरफ्तार करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है।