नई दिल्ली(एजेंसी):डायबिटीज अपने आप में एक परेशान कर देने वाली बीमारी है। इसका शिकार होने का मतलब है दूसरी और कई बीमारियों को बुलावा देना। यही वजह है कि डायबिटीज को ‘स्लो किलर’ भी कहा जाता है। जो लोग डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं, उन्हें लगातार इस बात की भी फिक्र होती है, कि इसका असर उनके बाकी के अंगों पर भी पड़ने लगेगा। अगर ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज न किया जाए, तो डायबिटीज के साथ ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी दूसरी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।हेल्थ एक्सपर्ट्स भी अक्सर डायबिटीज को हाई ब्लड प्रेशर से जोड़ते हैं, लेकिन रिसर्च की मानें तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर कम होने का कारण भी बन सकती है। जो कम खतरनाक साबित नहीं होगा। इसलिए अगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं, तो लो ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज न करें।
डॉक्टरों का कहना है कि डिहाइड्रेशन, ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी और दवाइयां कई तरह के साइड इफेक्ट्स का कारण बनते हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से आपको चक्कर भी आ सकते हैं या फिर आंखों की रोशनी भी कमजोर हो सकती है।
डायबिटीज में लो ब्लड प्रेशर किसे माना जाता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 120/80 की रेंज को नॉर्मल ब्लड प्रेशर माना जाता है। हालांकि, ब्लड प्रेशर इससे कम होने पर भी नॉर्मल ही माना जाता है। लेकिन अगर आप टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे हैं, तो लो ब्लड प्रेशर को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
डायबिटीज में ब्लड प्रेशर कम होने के क्या कारण हो सकते हैं?
लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। ब्लड प्रेशर कम होने के कई कारण हो सकते हैं:
डिहाइड्रेशन
अगर आपको डायबिटीज है, तो इससे ब्लड शुगर पेशाब में लीक हो सकता है, जो अपने साथ पानी को भी खींच ले जाता है, और इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। डॉक्टर्स की मानें, तो शरीर में पानी की कमी से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है, जो डायबिटीज के मरीजों में खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है, जिसे डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के नाम से जाना जाता है। इसमें शरीर में पानी और दूसरी फ्लुएड्स की बड़ी कमी हो जाती है। डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षणों में थकावट, कमजोरी, पेट में दर्द, मितली, बार-बार पेशाब आना और मुंह का ड्राई होना शामिल है।
ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी
जो लोग लंबे समय से डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं, उनकी नसों को भी नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी होती है, जो लो ब्लड प्रेशर का कारण बनती है। डॉक्टर्स के अनुसार, जो लोग लंबे समय से डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं, उनमें इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, जैसे कि चक्कर आना, सिर हल्का लगना आदि।
डायबिटीज में लो ब्लड प्रेशर को कैसे मैनेज करना चाहिए?
डायबिटीज होने पर डॉक्टर आपको हमेशा ब्लड प्रेशर पर नजर रखने की सलाह देंगे। इस बीमारी में ब्लड प्रेशर को मैनेज करना बेहद जरूरी होता है ताकि जानलेवा स्थितियों से बचा जा सके। तो आइए जानें कि इसके लिए क्या किया जा सकता है?
एक बार में खूब सारा न खाएं, इसकी जगह अपने खाने को छोटे-छोटे मील्स में तोड़ लें।
पानी के अलावा खूब सारे दूसरे फ्लूएड्स भी लें
ऐसी ड्रिंक्स न पिएं जिसमें चीनी की मात्रा ज्यादा हो
लंबे समय तक खड़े न रहें
शराब का सेवन करने से बचें
नमक का सेवन सही रखें
एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने के बाद धीरे-धीरे उठें
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।