कोरबा@M4S: अधिकारी कर्मचारियों को अपने सेवा कार्यकाल के बाद रिटायर होने पर पेंशन का बड़ा सहारा होता है। मगर बिजली कंपनी में पेंशनर्स की टेंशन बढ़ी हुई है। कारण है कि पेंशन कोष में फंड साल दर साल घटता जा रहा है ।जल्द ही फंड बढ़ाने कदम नहीं उठाए गए तो समस्या होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी के पेंशन कोष में कमी होती जा रही है। वर्ष 2018 से 2022 तक पेंशन फंड से कुल 1700 करोड़ रुपए का भुगतान पेंशनरों को हो चुका है, जिसकी भरपाई अभी तक नहीं की गई है। भविष्य में भी पेंशनर्स को सुरक्षित और निरंतर पेंशन भुगतान के लिए पेंशन करोड़ रुपए की राशि कोष में लौटाए जाने कोष में वास्तविक मूल्यांकन आधार पर 18 सहित विभिन्न कंपनियों द्वारा समय पर हजार करोड़ रुपए की राशि होनी चाहिए। अंशदान नहीं जमा होने के अलावा ब्याज छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी सहित राशि जमा करने की मांग की। बुधवार को राज्य विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन 01 के पदाधिकारियों ने नियामक आयोग के अध्यक्ष के समक्ष विभिन्न मांग रखी। प्रांतीय अध्यक्ष सुरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि कंपनी के पेंशन कोष में पेंशनर्स की आयोग ने अपने आदेश में वर्ष 2022-23 भविष्य की सुरक्षा व निरंतर भुगतान के के लिए 1128 करोड़, वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर लिए 1234 करोड़ व वर्ष 2024-25 के हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि लिए 1327 करोड़ रुपए की राशि पेंशन कोष में जमा कराए जाने का आग्रह किया। कोष के लिए स्वीकृत की है। तीनों ही प्रतिनिधियों ने पेंशन कोष से ली गई 1700 कंपनियों को अनुपातिक दर पर स्वीकृत कंपनियों को अनुपातिक दर पर स्वीकृत राशि का अंशदान पेंशन कोष में जमा करना होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 15 हजार 168 पेंशनर्स को पेंशन कोष से पेंशन भुगतान हो रहा है। श्री शुक्ला ने बताया कि 5-6 वर्ष पूर्व पेंशन कोष में कुल राशि बिना ब्याज के लगभग 4 हजार 330 करोड़ रुपए थी, जो आज की स्थिति में घटकर बिना ब्याज के लगभग 3 हजार 770 करोड़ रुपए हो गई है। वर्तमान में पेंशन कोष में मार्च 2020 तक ब्याज सहित 4 हजार 700 करोड़ रुपए जमा है। वास्तविक मूल्याकंन आधार पर लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की राशि पेंशन कोष में और जमा होना अनिवार्य है।
घटता जा रहा पेंशन का फंड, पेंशनर्स की बढ़ रही चिंता जितना भुगतान उसकी नहीं हो पाई भरपाई
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