मलगांव में कायम है गतिरोध दीपका खदान के सामने जमीन संकट  खदान विस्तार का काम हो रहा प्रभावित

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कोरबा@M4S: जिले में एसईसीएल की कोयला खदानें जमीन संकट से जूझ रही है। कोयला खनन के लिए कंपनी को जमीन नहीं मिल रहा है। इससे खदान का विस्तार रूक गया है। कई बार कंपनी जमीन की समस्या को जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के साथ कोयला मंत्रालय को भी अवगत करा चुकी है। दीपका खदान के सामने भी मलगांव से कब्जा खाली कराने और विस्तार की चुनौती है। ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। यही वजह है कि गांव से अब तक उन्होंने अपना कब्जा नहीं हटाया है।
अब डबल इंजन की सरकार कोयला खदानों के लिए पूर्व में अधिग्रहित की गई जमीनों को खाली कराने की तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में पहली कारवाई एसईसीएल की दीपका खदान विस्तार को लेकर शुरू की गई थी।इधर मलगांव के लोगों का कहना है कि अभी तक कोयला कंपनी ने नौकरी और पुनर्वास से संबंधित ग्रामीणों की समस्या का शत-फीसदी समाधान नहीं किया है। अलग-अलग कारणों से पात्र लोगों को नियुक्ति नहीं दी गई है। प्रबंधन की ओर से बसाहट के लिए जरूरत के अनुसार जमीन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसे लेकर विवाद बना हुआ है।एसईसीएल के दीपका खदान की गिनती मेगा प्रोजेक्ट के रूप में होती है। गत वित्तीय वर्ष में इस खदान से 40 मिलियन टन (400 लाख टन) कोयला खनन का लक्ष्य रखा गया है, मगर यहां से लक्ष्य अनुरूप खनन नहीं हुआ है। जो खनन हुआ है वह कंपनी के लिए निराशाजनक है। खनन की यह स्थिति देखकर आगे भी उत्पादन बढ़ पाना मुश्किल है। प्रबंधन इसके पीछे सबसे बड़ा कारण जमीन की किल्लत बता रहा है।

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