पुनर्वास गांव गंगानगर को माडल गांव बनाने और बेरोजगारों को रोजगार देने की मांगो पर 15 जून को एसईसीएल गेवरा कार्यालय का  घेराव करेगी माकपा

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गंगानगर के भू विस्थापितों ने गेवरा महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर दी आंदोलन की चेतावनी

कोरबा@M4S:मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने घाटमुड़ा से विस्थापित और गंगानगर में पुनर्वासित परिवारों की लंबित समस्याओं को लेकर एसईसीएल के गेवरा महाप्रबंधक एस के मोहंती को ज्ञापन सौंपकर गांव में बुनियादी सुविधा प्रदान करने के साथ गांव के बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने की मांग की है और समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर 15 जून को गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव की चेतावनी भी दी है।
उल्लेखनीय है कि एसईसीएल की गेवरा परियोजना के लिए वर्ष 1980-81 में घाटमुड़ा के 75 परिवारों को विस्थापित किया गया था तथा 25 एकड़ के प्लॉट में गंगानगर ग्राम में उन्हें बसाया गया था। लेकिन पुनर्वास के 40 सालों बाद भी यह गांव बुनियादी मानवीय सुविधाओं स्कूल,आंगनबाड़ी,अस्पताल, बिजली, पानी, सड़क,स्ट्रीट लाइट,गौठान, मनोरंजन गृह, पार्क,तालाब,खेल मैदान,आदि से वंचित हैं जिसे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की थी। एसईसीएल की इस उदासीनता के खिलाफ ग्रामीणों के साथ मिलकर माकपा पिछले दो सालों से लगातार आंदोलन कर रही है।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि गेवरा सबसे जायदे कोयला उत्पादन का कीर्तिमान बनाने का दावा के साथ दुनिया का सबसे बड़ा कोयला खदान संचालन की बात कर रहा है दूसरी और गेवरा खदान के लिए जमीन देने वाले भू विस्थापित परिवार रोजगार के साथ बुनियादी सुविधा पाने के लिए भटक रहे है। जमीन अधिग्रहण के बाद गांव में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है भू विस्थापित रोजगार के साथ बसावट गांव की बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिन कर लेने का समय आ गया है।

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किसान सभा के जिलाअध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू,जय कौशिक ने कहा की विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है।विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया। भू विस्थापित परिवारों के पास अपने अधिकार को पाने के लिए संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर ने कहा कि देश के विकास के लिए आदिवासी किसानों ने अपनी जमीन एसईसीएल को दिया और जमीन देने के बाद नौकरी और मूलभूत सुविधाओं के लिए किसान 40 सालों के बाद भी भटक रहे हैं।
समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 15 जून को माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर के नेतृत्व में गंगानगर के विस्थापित परिवार गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव करेंगे।

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ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर,किसान सभा के जिलाअध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर,संजय यादव ,देवकुंवर, जानकुंवर,शशि कंवर, रूषा बाई, गणेशकुंवर, सुमित्रा, पुरुषोत्तम, संतोषी, पुष्पा, बनवासा बाई,बसंतबाई,चमरिन बाई,संतरा बाई,सुनीबाई,जानकी यादव,अहिल्या, रामकली,लक्षन बाई के साथ बड़ी संख्या में गंगानगर के भूविस्थापित उपस्थित थे।

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