नई दिल्ली(एजेंसी):आम आदमी पार्टी के एक विधायक को दोबारा कोरोना संक्रमण होने का पता चला है। दिल्ली में पहले भी ऐसे मामले सामने आए जब लोगों को ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद सभी लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बनते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के दोबारा होने के कई मामले सामने आए हैं, ऐसे में कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। गंगाराम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर अतुल कक्कड़ ने कहा कि कई शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकता है।
क्या बोले विशेषज्ञ-
एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नवल किशोर विक्रम ने बताया कि कोरोना से ठीक होने वाले सभी लोगों के शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं मिलते हैं। यह हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का शरीर इस तरह से प्रतिक्रिया करता है कि उनके शरीर में ठीक होने के बाद एंटीबॉडी पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते या फिर एंटीबॉडी 50 से 60 दिन में ही आधे होने लगते हैं।
एंटीबॉडी कब तक रह सकती हैं-
एम्स के प्रोफेसर नवल विक्रम का कहना है कि अभी तक एंटीबॉडी बनने यानी शरीर में कोरोना के खिलाफ कब तक लड़ने की क्षमता विकसित हुई है इस पर कई शोध हुए हैं। कुछ शोध के मुताबिक 70 से 90 दिनों तक शरीर में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी बचे हो सकते हैं। उन्होंने एक अन्य शोध के हवाले से कहा कि एंटीबॉडीज 50 से 60 दिनों में आधे हो जाते हैं।
45 से 50 दिनों के अंदर ही कम होने लगे एंटीबॉडी-
-मुंबई एक एक अस्पताल में हुए एक शोध के मुताबिक कोरोना से ठीक हुए 34 लोगों पर हुए शोध में पाया गए कि एंटीबॉडी 45 से 50 दिनों में ही कम होने लगती हैं।
-तीन सप्ताह पहले कोरोना संक्रमित पाए गए 90% लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पायी गयी। वहीं पांच प्ताह पहले संक्रमित पाए गए 38.5 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पायी गयी।