नई दिल्ली(एजेंसी):कोविड-19 टीकों की प्रभावकारिता पर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। कई कंपनियां इसके उत्पादन में लगी हैं। इस बीच मॉडर्न और फाइजर कंपनी के परीक्षण में कई प्रतिभागियों ने उच्च बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द और थकावट होने की शिकायत की है। हालांकि विशेषज्ञों ने कहा कि परीक्षण के दौरान यह आम बात है। उन्होंने कहा कि इसमें चिंता बढ़ाने वाली कोई बात नहीं है।
परीक्षण के तहत टीकों का कोई प्रतिकूल प्रभाव भारत में अब तक नहीं बताया गया है। विशेषज्ञों ने कहा है कि 24 घंटे के भीतर चले जाने वाले लक्षणों को सामान्य माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉडर्न के परीक्षण के दौरान वैक्सीन लेने के बाद एक प्रतिभागी ने ग्रेड तीन बुखार (102.2 डिग्री फ़ारेनहाइट) की शिकायत की है।
टीका लेने के बाद ये लक्षण दिखे-
1. एस्ट्राजेनका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सीन के परीक्षणों को जापान में फिर से शुरू कर दिया गया है।
2. ब्रिटेन, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका में परीक्षण पहले से ही चल रहे हैं।
3. अमेरिका ने अभी भी एस्ट्राज़ेनेका को अमेरिका में अपना परीक्षण फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी है।
4. भारत में एस्ट्राजेनका वैक्सीन परीक्षण का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है।
5. कुछ प्रतिभागियों को टीके लेने के बाद बुखार हो सकता है।
आईसीएमआर और बायोलॉजिकल ई ने कोविड-19 का इलाज खोजा
आईसीएमआर ने हैदराबाद स्थित एक बायोफॉर्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर अत्यंत शुद्ध एंटीसेरा विकसित किया है। यह कोविड-19 का संभावित इलाज हो सकता है। इस अत्यंत शुद्ध एंटीसेरा’ को घोड़ों में असक्रिय सार्स-सीओवी2 का इंजेक्शन देकर विकसित किया गया है।
आईसीएमआर ने गुरुवार को कहा, आईसीएमआर और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, हैदराबाद ने कोविड-19 के वैक्सीन और इलाज के लिए अत्यंत शुद्ध एंटीसेरा विकसित किया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में महामारी और संक्रामक रोग विभाग की प्रमुख सिमरन पांडा ने कहा है कि ‘एंटीसेरा’ सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं यह जानने के लिए अभी उसका ‘ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल’ (मनुष्य पर परीक्षण) होना बाकी है और इस संबंध में शीघ्र ही भारत के औषधि महानयंत्रक से संपर्क किया जाएगा।