पटना(एजेंसी):केरल से होते हुए दिल्ली-उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुके कोरोना वायरस के नए अत्यधिक संक्रामक वैरियंट जेएन-1 के आशंकित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के आलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बैठक की।
इसमें कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ इलाज के लिए जरूरी सभी आवश्यक उपकरणों व दवाओं के साथ जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए आंतरिक बैठक करने का निर्देश दिया गया।
जो पीएसए आक्सीजन प्लांट किसी कमी के कारण बंद हैं उन्हें तुरंत ठीक कराने के अलावा उपचार के लिए कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि अस्पताल आने वाले सर्दी खांसी, बुखार यानी एनफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आइएलआइ) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआइ) के लक्षण वाले रोगियों की अब कोरोना जांच कराई जाए।
सभी जिलों के महामारी पदाधिकारी को इसकी नियमित निगरानी व प्रतिदिन की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है।
पुराने कोरोना जैसे लक्षण : बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश इसके सामान्य लक्षण हैं। कुछ पीड़ितों में स्वाद-गंध नहीं मिलना या उल्टी-दस्त के लक्षण भी मिल रहे हैं।
तीन दिन पहले ही कोरोना को लेकर हुई थी मॉक ड्रिल
आठ दिसंबर को पहली बार केरल में एक महिला में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। सात दिन बाद ही देश में कोरोना के नए रोगियों की संख्या बढ़कर औसतन 300 हो गई। इसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग सचेत हो गया था। तीन दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से निपटने के लिए सभी जिलों में माक ड्रिल की थी।
सामान्य ओमिक्रोन से 1.2 गुना अधिक संक्रामक है जेएन-1
जेएन-1 अबतक का देश में कोरोना का सबसे नया वैरियंट हैं। यह पिरोलो वैरियंट बीए-2-86 को सब स्ट्रेन है। इसके स्ट्रेन में कई बदलाव होने के कारण यह सामान्य ओमिक्रोन वैरियंट की तुलना में 1.2 गुना से अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। 40 देशों में इस वैरियंट के मरीज मिल चुके हैं।