नई दिल्ली(एजेंसी):कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सेनेटाइजर बनाने वाली कंपनियां ड्रग एक्ट के स्टैंडर्ड मानकों का पूर्ण रूप से पालन करती नजर नहीं आ रही हैं। ऊधमसिंह नगर जिले से बीतों दिनों विभिन्न कंपनियों के सेनेटाइजर प्रोडेक्ट के नौ नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। इसमें से आठ के सैंपल विभिन्न मानकों पर फेल रहे हैं। इसमें से छह कंपनियों के सेनेटाइजर प्रोडेक्ट लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। जबकि दो कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। एक सैंपल की जांच रिपोर्ट अभी आनी शेष है।
देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच सेनेटाइजर की डिमांड बढ़ी है। ऐसे में कई कंपनियों ने सेनेटाइजर बनाने के लिए लाइसेंस लिए हैं। कुछ के पास पूर्व से ही लाइसेंस हैं। बीतों दिनों सेनेटाइजर की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया गया था। इस दौरान जिले से नौ सैंपल लिए गए थे। इसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली आई।
आठ सैंपल जांच में फेल हो गए। इसके बाद ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी कुमाऊं मंडल स्तर से छह कंपनियों के सेनेटाइजर प्रोडेक्ट लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए। इन्हें 20 दिन से लेकर एक महीने तक के लिए निलंबित किया गया है। ड्रग एक्ट के तहत स्टैंडर्ड और लेवलिंग का पूरा पालन किए जाने के बाद लाइसेंस की बहाली होगी। वहीं दो कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद संतोषजनक न पाए जाने पर इनके लाइसेंस सस्पेंड करने की भी संभावना है।
कुमाऊं भर से करीब 25 सैंपल लिये, 60 फीसदी फेल-
सूत्रों के मुताबिक, सेनेटाइजर के कुमाऊं भर से करीब 25 सैंपल लिए गए थे। इसमें से 60 फीसदी सैंपल फेल हुए हैं। इनकी जांच राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला में करायी गई थी। यह अलग-अलग जिलों के हैं।
जिले में सेनेटाइजर के नौ सैंपल लिए गए थे। इसमें से आठ सैंपल फेल होने पर डीएलए के स्तर से छह कंपनियों के प्रोडेक्ट लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। जबकि दो कंपनियों को नोटिस दिया गया है। एक सैंपल की जांच लंबित है।
-सुधीर कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर