CORONA EFFECT: टर्म प्लान की पड़ताल सबसे अधिक बढ़ी, कम प्रीमियम में मिलता है बड़ा कवर

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नई दिल्ली(एजेंसी):देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर उपभोक्ताओं में बीमा पॉलिसी को लेकर पूछताछ बढ़ी है। एसबीआई लाइफ-निल्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की वजह से टर्म प्लान की पड़ताल सबसे अधिक बढ़ी है। अगर आप अपने और परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो जीवन बीमा का टर्म प्लान ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
टर्मप्लान में आपको बहुत ही कम प्रीमियम में काफी ऊंची कीमत का कवर मिलता है। इस तरह की पॉलिसी पूरी तरह सुरक्षा के लिहाज से ली जाती है। टर्म प्लान में पॉलिसी में मैच्योरिटी पर पैसों से जुड़ा कोई फायदा नहीं होता है लेकिन पॉलिसीधारक की असमय मृत्यु होने पर नामिनी को इंश्योर्ड रकम मिल जाती है। यह रकम परंपरागत जीवन बीमा प्लान से कई गुना ज्यादा होती है।
एसबीआई लाइफ- ज़ोन 1 के अध्यक्ष, रवि कृष्णमूर्ति का कहना है कि कोरोना के पूर्व उपभोक्ता टर्म प्लान को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं थे, लेकिन ताजा सर्वे बेहद उत्साहवर्धक है। उनका कहना है कि अब उपभोक्ताओं का रुझान टर्म प्लान की ओर ज्यादा बढ़ा है और वह इसके बारे में पड़ताल कर खरीदना पसंद कर रहे हैं। सर्वे के मुताबिक 70 फीसदी भारतीयों के पास जिनके पास वर्तमान में क्रिटिकल इलनेस कवर नहीं हैं, वह अगले तीन महीनों में इसे लेने की योजना बना रहे हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक 80 उपभोक्ता परिवार के भविष्य की सुरक्षा के स्पष्ट उद्देश्य के साथ जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदते हैं।

सस्ता होता है प्रीमियम

आप चार हजार रुपये में 50 लाख रुपये कवर वाला टर्म प्लान खरीद सकते हैं। जबकि करीब आठ हजार रुपये में एक करोड़ रुपये की पॉलिसी मिल सकती है। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि पॉलिसी जितनी कम उम्र में लेंगे उसका प्रीमियम उतना ही सस्ता होता है। टर्म प्लान खरीदते समय आपको उम्र और अवधि के तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए। महंगाई को आपके परिवार की लाइफस्टाइल को बाधित करने से बचाने के लिए, आप ऊंचा इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं। याद रखें, महंगाई को महत्व नहीं दिया तो यह आपके परिवार को आगे परेशानी में डाल सकती है।

कितने का कवर लें

बीमित राशि यानी सम अश्योर्ड के लिए कोई मानक तय नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि टर्म प्लान लेते समय वकर सालाना आमदनी का कम से कम 10 गुना होना चाहिए। इसका आकलन करते समय आमदनी के स्रोत, वर्तमान कर्ज और देनदारियां, परिवार के आश्रित सदस्य, उनकी मौजूदा लाइफस्टाइल को बनाए रखने में आने वाले खर्च के अलावा अन्य वित्तीय लक्ष्यों जैसे बच्चों की उच्च शिक्षा, उनके शादी-ब्याह आदि को ध्यान में रखना चाहिए।

एमडब्ल्यूपी एक्ट के साथ लें बीमा

कुछ मामलों में यह भी हो सकता है कि बीमा का पैसा किसी रिश्तेदार को या पति ने जहां से कर्ज लिया हो, उसे मिल जाए। इन स्थितियों से बचने के लिए बीमाधारक को ‘मैरिड वुमंस प्रॉपर्टी एक्ट, 1874 (एमडब्ल्यूपी एक्ट) के तहत टर्म इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए। एमडब्ल्यूपी एक्ट के तहत ली गई टर्म पॉलिसी को ट्रस्ट माना जाता है। पॉलिसी के लाभ राशि पर केवल ट्रस्टियों का ही अधिकार होता है। डेथ क्लेम होने की स्थिति में पॉलिसी से प्राप्त पैसा ट्रस्ट को मिलता है, जिसे ट्रस्टी ही क्लेम कर सकता है। इसे कोई कर्जदाता या रिश्तेदार क्लेम नहीं कर सकता। ट्रस्ट पत्नी और/या बच्चों के लिए ही क्लेम राशि को सुरक्षित रखता है।

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