कोरबा@M4S:कोरबा में भुगतान पाने भटक रहे स्कूलों का काम करने वाले ठेकेदार, विभाग का खाता खाली 15 करोड़ लटके प्राथमिक-मिडिल स्कूलों में मुख्यमंत्री जतन योजना से काम करने वाले ठेकेदारों ने कलेक्टर से लगाई गुहार सरकारी स्कूलों का काम करने वाले ठेकेदार अपने ही भुगतान के लिए भटकने को मजबूर हैं। आरईएस विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत उन्होंने प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में नव निर्माण और जीर्णोद्धार का कार्य किया। कार्य पूर्ण कर विभाग को हैंड ओवर भी कर दिया गया लेकिन उस काम का मेहनताना अब तक जारी नहीं किया गया है। एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 15 करोड़ का भुगतान लटका हुआ है, जिसे देने के लिए विभाग के पास राशि तक नहीं है। ठेकेदारों ने कलेक्टर को पत्र लिखकर भुगतान दिलाने की गुजारिश की है।
ठेकेदारों ने कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में अवगत कराया है कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) विभाग कोरबा अंतर्गत उनके द्वारा मुख्यमंत्री जतन योजना अंतर्गत प्राथमिक माध्यमिक एवं जिले के विभिन्न स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार अथवा निर्माण कराकर विभाग को हस्तांतरण किया जा चुका है। विभाग के पास विगत 3 माह से विभाग के पास भुगतान करने के लिए राशि नहीं है। दीपावली जैसे त्यौहार पर भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। ठेकेदारों का 15 करोड़ से ज्यादा का भुगतान विभाग के पास लंबित है।
जिससे सभी ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। ऐसे में वे अपने मजदूरों तथा सामाग्री प्रदायकर्ताओं को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। परिणाम स्वरूप ठेकेदारों को उनके आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि कोई भी अप्रिय स्थिति न निर्मित हो, इसलिए राशि उपलब्ध कराकर शीघ्र अति शीघ्र भुगतान कराने की कृपा करें। इन ठेकेदारों में विजय कुमार अग्रवाल कोरबा, एआर. कंसल्टेंसी कोरबा, सार्थक ट्रेडर्स,बालाजी इंफ्रास्ट्रक्चर, आरजे. कंस्ट्रक्शन, बी.जी. इंटरप्राइजेज, मेसर्स सौमर गौसमी, मेसर्स गर्ग कंस्ट्रक्शन, कुमार एंड संस, जेपी एंड ब्रदर्स, हेमा कंस्ट्रक्शन कंपनी, मोहम्मद शाद कटघोरा, निरंजन कोरबा, संतोष श्रीवास, एसएसए कंस्ट्रक्शन, दीपक कुमार डिक्सेना शामिल हैं।
कोरबा:भुगतान पाने भटक रहे स्कूलों का काम करने वाले ठेकेदार
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