कोरबा@M4S: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ मजबूत है और इसके सभी सहयोगी जल्द ही आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप देंगे।
एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा, ”इंडिया’ गठबंधन मजबूत है। नीतीश जी ने पलटी मारी है और रालोद भी वही करने की कोशिश कर रहा है। गठबंधन में 28 दल थे। अब दो दल कम हो गए।”
उन्होंने कहा, ”(लोकसभा चुनाव के लिए) सीट बंटवारे को लेकर आम आदमी पार्टी, द्रमुक, राकांपा, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और ममता बनर्जी जी के साथ चर्चा चल रही है। नीतीश और रालोद के अलग होने से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम मजबूत हैं और जल्द ही विभिन्न राज्यों में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ”मोदी जी ने पहले ‘एक देश, एक कर’ और ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात की थी लेकिन असल में मोदी जी के 10 साल के कार्यकाल में यह ‘एक देश, एक कंपनी’ बन गया है।”
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस पार्टी और राहुल जी भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से इस पूंजीवाद के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। पिछले दस वर्षों में महंगाई बढ़ रही है, बेरोजगारी दर पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) बेचे जा रहे हैं।”
रमेश ने कहा, ”(पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले) बस्तर में प्रधानमंत्री ने कहा था कि एनएमडीसी के इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं किया जाएगा लेकिन वह पिछले तीन वर्षों से इसे बेचने में लगे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका खुलासा किया था।”
उन्होंने आरोप लगाया, “इस तरह सभी आर्थिक नीतियां एक मित्र, एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपनाई जा रही हैं। जंगल काटे जा रहे हैं और कोयले की खदानें दी जा रही हैं। अगर मोदी जी केंद्र की सत्ता बरकरार रखेंगे तो एनटीपीसी का ऊर्जा संयंत्र भी बिक जाएगा।”
उन्होंने कहा कि भिलाई, बोकारो, दुर्गापुर और राउरकेला भी खतरे में हैं क्योंकि प्रधानमंत्री और उनके खास दोस्त किसी भी पीएसयू को छोड़ना नहीं चाहते हैं।
कांग्रेस नेता ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ”जब भारत रत्न की घोषणा करने वाले थे तो टाइपिस्ट से गलती हो गई। उसे अडानी टाइप करना था लेकिन गलती से आडवाणी टाइप हो गया।”
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर, रमेश ने कहा, ”आपको विश्वजीत और वहीदा रहमान अभिनीत ‘बीस साल बाद’ नामक फिल्म याद होगी जो 1962 में रिलीज़ हुई थी। 2003 दिसंबर में हमें छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने केंद्र में सरकार बनाई। अब 20 साल बाद 2024 में वही दोहराया जाएगा जो 2004 में हुआ था।”
उन्होंने कहा, ”2023 में हुए चुनाव में हमें उम्मीद के मुताबिक जीत नहीं मिली लेकिन वोट शेयर के हिसाब से यह निराशाजनक प्रदर्शन नहीं था। 20 साल बाद आपको वही परिणाम देखने को मिलेगा। तब ‘इंडिया शाइनिंग’ था अब भारत विश्व गुरु है। आप (लोकसभा में) आश्चर्यजनक परिणाम देखेंगे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन का चेहरा होंगे, उन्होंने पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘पंजा’ दिखाते हुए कहा, ”चुनाव में कांग्रेस का चेहरा यही है। पार्टी चुनावों में उसी चेहरे के साथ जाती है। हमारे देश में चुनाव दो व्यक्तियों के बीच नहीं लड़ा जाता है।”
रमेश ने कहा, ”क्षमा करें, लेकिन यह कोई सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है। चुनाव विचारधाराओं, घोषणापत्र और चुनाव अभियानों के आधार पर दलों के बीच लड़ा जाता है। सवाल ये नहीं है कि पीएम (प्रधानमंत्री) या सीएम (मुख्यमंत्री) कौन होगा, सवाल ये है कि कौन सी राजनीतिक पार्टी सरकार बनाने जा रही है।”
उन्होंने कहा कि भारत में अमेरिका की तरह राष्ट्रपति प्रणाली नहीं है, बल्कि संसदीय लोकतंत्र है और इसे ऐसे ही जारी रहना चाहिए।