कोरबा@M4S:औद्योगिक जिला होने के कारण टीबी की रोग की संभावना केवल शहर नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ी है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मुक्त पंचायत की परिपकल्पना की है। जिसके तहत प्रति गांवों को प्रति 1000 जनसंख्या में विभक्त कर सघन टीवी की जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा सरपंच, पंच व सचिव को सूचना मित्र के रूप में शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से छह चरणों में जांच किए जाने के बाद पंचायत क्षय मुक्त ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र व गांधी जी की प्रतिमा प्रदान की जाएगी।
जनवरी माह से अगस्त के बीच किए गए जांच में टीबी के 1367 नए पाए गए है। उन्मूलन कार्यक्रमों के बाद भी मरीजों का हजार तादाद में मिलना चिंतनीय है। समस्या को जड़ से मिटाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम धरातल पर उतारने का निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत पंचायतों में परिचायत्मक बैठक लेकर की जाएगी। इसके लिए विभाग ने कार्य योजना भी तैयार की है। टीबी से पीडि़त मरीजों की जानकारी के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण स्वास्थ्य विस्तार अधिकारी के माध्यम से घर-घर सर्वे किया जाएगा।निजी चिकित्सक, लैब एवं कैमिस्ट से संपर्क कर रोग ग्रस्त लोगों की जानकारी ली जाएगा। बताना होगा कि टीवी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर मुफ्त दवा दिए जाने का प्रविधान है। पहाड़ी कोरवा व अन्य अनुसूचित जन जाति के लोगों तक पहुंचने के लिए मोबाइल वेन का सहारा लिया जाएगा।
टीबी मुक्त घोषित किए जाएंगे पंचायत
टीवी मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए जिन छह चरणों की दावापत्ति गांव को गुजरना हो उनमें पहला 1000 की संख्या में संभावित मरीजों की जांच। बलगम जांच के बाद पाए गए मरीजों की साल भर चली इलाज की समीक्षा। इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए मरीजों की स्वास्थ्य दर। दवा के प्रति संवेदनशीलता। पोषण योजना का पालन व प्रधानमंत्री टीबी मुक्त पंचायत अभिययान में जन सहभागिता शामिल है। इसमें सफल होने वाले पंचायत टीवी मुक्त पंचायत घोषित किया जाएगा। प्रथम वर्ष पंचायत को कांस्य पदक व गांधी प्रतिमा प्रदान की जाएगी। ग्राम पंचायत दूसरे साल भी टीबी मुक्त रहता है तो उसे रजत व तीसरे साल मुक्त रहने पर स्वर्ण पदक व गांधी प्रतिमा के साथ प्रमाण पत्र दी जाएगी।