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कोरबा@M4S:नगर निगम आयुक्त की खास पहल से कोरबा बदल रहा है, कोरबा संवर रहा है। कोरबा की तस्वीर बहुरंगी रंगों से सुसज्जित हो रही है। जगह-जगह स्वच्छता के साथ सुंदरता मुस्कुरा रही है। जहॉं पहले कचरा डम्पिंग प्वांइट हुआ करते थे, सडक़ों के किनारे कचरा बिखरा रहता था, वहॉं पर अब सुंदरता खिल रही है। कोरबा की तस्वीर बदल रही है और कोरबा के लोग स्वयं इसके साक्षी बन रहे हैं।
निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय विगत 4-5 माह से कोरबा शहर की तस्वीर बदलने का भगीरथ प्रयास कर रहें हैं। उनके इन प्रयासों ने अब रंग दिखाना शुरू कर दिया है। किसी भी शहर की सुंदरता के साथ शहर की स्वच्छता का गहरा संबंध है। बिना स्वच्छता के सुंदरता नहीं आ सकती है। उनके इन्हीं भगीरथ प्रयासों का परिणाम है कि एक ओर जहॉं शहर की साफ-सफाई व्यवस्था में व्यापक बदलाव दिख रहे हैं, अब हमारा कोरबा साफ-सुथरा नजर आ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर शहर की सडक़ों, चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थानों में सुंदरता मुस्कुरा रही है। हरीतिमा बिखर रही है। सडक़ों के किनारे दीवालों में, चौक-चौराहों पर अंकित नयनाभिराम, आकर्षक बहुरंगी पेंटिंग्स मानो शहर का श्रृंगार कर रही हैं। यह सब केवल कहने-लिखने के लिए नहीं है, बल्कि इन सबके साक्षी कोरबा शहर के लोग भी बन रहे हैं।।
निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय विगत 4-5 माह से कोरबा शहर की तस्वीर बदलने का भगीरथ प्रयास कर रहें हैं। उनके इन प्रयासों ने अब रंग दिखाना शुरू कर दिया है। किसी भी शहर की सुंदरता के साथ शहर की स्वच्छता का गहरा संबंध है। बिना स्वच्छता के सुंदरता नहीं आ सकती है। उनके इन्हीं भगीरथ प्रयासों का परिणाम है कि एक ओर जहॉं शहर की साफ-सफाई व्यवस्था में व्यापक बदलाव दिख रहे हैं, अब हमारा कोरबा साफ-सुथरा नजर आ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर शहर की सडक़ों, चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थानों में सुंदरता मुस्कुरा रही है। हरीतिमा बिखर रही है। सडक़ों के किनारे दीवालों में, चौक-चौराहों पर अंकित नयनाभिराम, आकर्षक बहुरंगी पेंटिंग्स मानो शहर का श्रृंगार कर रही हैं। यह सब केवल कहने-लिखने के लिए नहीं है, बल्कि इन सबके साक्षी कोरबा शहर के लोग भी बन रहे हैं।।

पहले क्या था अब क्या है, इससे जुड़े अपने अनुभव लोग साझा कर रहे हैं। कोरबा शहर ही नहीं निगम क्षेत्र में शामिल कोरबा के उपनगरीय क्षेत्रों में भी बदलाव की बयार बही है, वहॉं पर भी बदलाव नजर आया है। दर्री बस्ती के लोग बताते हैं कि राजमाता सिंधिया चौक के समीप दर्री डेम के किनारे सडक़ के बाजू में पहले कचरे का ढेर रहता था, लोग यहॉं पर कचरा डम्प कर देते थे। गदंगी का आलम था, किन्तु अब यहॉं पर कचरा न होकर केवल सुंदरता दिख रही है। नगर निगम ने सुंदर व आकर्षक पेंटिंग्स के द्वारा इस स्थल का कायाकल्प कर दिया है, जिससे यहॉं की सुंदरता बढ़ गई है तथा आने-जाने वालों को अनायास ही आकर्षित करती है। जेलगांव चौक स्थित सामुदायिक भवन के सामने सडक़ के किनारे पहले कचरे का ढेर लगा रहता था, किन्तु नगर निगम ने इस स्थल को साफ, स्वच्छ कर यहॉं पर सुंदर व आकर्षक पेंटिंग्स के माध्यम से यहॉं का सौदंर्यीकरण कर दिया है। साथ ही यहॉं पर नियमित साफ-सफाई भी की जा रही है, अब यहॉं की तस्वीर बदल गई है।अयोध्यापुरी गोपालपुर मुख्य मार्ग पर बस स्टाप स्थित है, जहॉं पर पहले हमेशा कचरा डम्प रहता था, दुर्गंध आती थी, लोगों को बस स्टाप में बैठने व खड़े होने में असुविधा होती थी, किन्तु विगत कुछ समय पूर्व नगर निगम द्वारा यहॉं की साफ-सफाई कराकर स्थल को एक लघु गार्डन का स्वरूप दे दिया गया है। यहॉं की सुंदरता बढ़ गई है, अब कचरा नहीं रहता, बस की प्रतीक्षा करने वाले तथा यहॉं से आने-जाने वाले लोगों को अब कठिनाई नहीं होती।