COAL INDIA STRIKE:कोल सचिव से वार्ता विफल,72 घंटेे हड़ताल 2 – 4 जुलाई 

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कोरबा@M4S: केंद्र सरकार द्वारा कमर्शियल माइनिंग के संबंध में लिए गए निर्णय के खिलाफ श्रम संगठनों के द्वारा 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया गया है। इससे पहले इस हड़ताल को टालने के लिए अधिकारिक स्तर पर प्रयास जारी है। इस कड़ी में आज कोयला सचिव के साथ श्रम संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक हुई। यह बैठक बेनतीजा होने पर श्रम संगठनों ने 2 से 4 जुलाई तक 72 घंटे की हड़ताल पर जाने का अपना निर्णय बरकरार रखा है। एसईसीएल एटक पदाधिकारी दीपेश मिश्रा ने बताया कि कोयला सचिव के साथ हुई बैठक में उन्होंने कमर्शियल माइनिंग के पहले ही मुद्दे पर हाथ खड़े कर दिए और सरकार भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस स्थिति में 72 घंटे की हड़ताल होकर रहेगी। सभी श्रमिक संगठन इस मसले पर एकजुट हैं। हड़ताल को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए सभी श्रम संगठन जुटे हुए हैं। बीएमएस, एचएमएस, इंटक, सीटू व एटक द्वारा आह्वानित हड़ताल के संबंध में सिस्टा के कुसमुण्डा क्षेत्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार टंडन, इंडियन नेशनल माइन ऑफिशियल एण्ड सुपरवाइजरी स्टॉफ एसोसिएशन इनमोसा के क्षेत्रीय सचिव इंद्रदेव साव ने भी अपना समर्थन दिया है।
व्यावसायिक खनन पर रोक लगाने सीएम व राजस्व मंत्री को ज्ञापन
छत्तीसगढ़ राज्य में कोल ब्लॉकों का कारपोरेटों को नीलाम करने तथा इसके व्यावसायिक खनन की अनुमति देने से रोक लगाने के लिए संयुक्त श्रम संगठन के पदाधिकारी अरूण कुमार झा, टिकेश्वर सिंह राठौर, मदन सिंह ठाकुर, प्रमोद दुबे, वीएम मनोहर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन प्रेषित किया है। कहा गया है कि व्यावसायिक खनन की अनुमति देने से राज्य के जनसमुदायों पर पड़ने वाले सामाजिक, पर्यावरणीय दुष्प्रभाव, जैव विविधता और समृद्ध वन्य जीवों के विनाश, राज्यों के अधिकारों और संविधान के भावना की अतिक्रमण तथा अंतरराष्ट्रीय पेरिस समझौते के भावना के उल्लंघन को देखते हुए इसके कानूनी पहलुओं पर झारखंड सरकार की तरह छत्तीसगढ़ सरकार को भी कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए। कुसमुण्डा क्षेत्र के समस्त केंद्रीय श्रम संगठन पदाधिकारियों ने यही अपील और अपेक्षा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से भी की है।

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