हजारों लोगों को मिलेगा लाभ
कोरबा@M4S:दुुनिया की पहली चलित रेल अस्पताल लाइफ लाइन एक्सप्रेस 17 साल बाद दूसरी बार कोरबा पहुँची। लाइफ लाइन एक्सप्रेस वृहद स्वास्थ्य शिविर का शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फीता काटकर शुभारंभ किया। शुभारंभ के साथ ही ट्रेन हॉस्पिटल में नि:शुल्क उपचार की सुविधा की शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री ने लाइफ लाइन एक्सप्रेस के चिकित्सकों से भी मुलाकात की।
2 नवम्बर तक हजारों लोगों को स्वास्थ्य शिविर का लाभ मिलेगा । शुभारंभ अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत , राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल , स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, क्षेत्रीय सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत , कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर, महापौर रेणु अग्रवाल, कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद, ग्रामीण अध्यक्ष उषा तिवारी सहित अन्य उपस्थित रहे। सात सुसज्जित बोगी वाले चलित रेल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर, मुंह के कैंसर की जांच एवं उपचार के साथ-साथ प्लास्टिक सर्जरी एवं दांतों के रोगों का भी इलाज करेंगे। इसके साथ ही मोतियाबिंद, कटे-फटे होंठो, हड्डी से संबंधित विकारों, जलने से हुए विकारों से लेकर कान के ऑपरेशन तक की सुविधा नि:शुल्क मिलेगी। लाइफ लाइन एक्सप्रेस में प्रशिक्षित एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों की 40 सदस्यीय टीम मरीजों का उपचार रहेगी। सत्रह साल बाद दूसरी बार पहुंची ट्रेन हॉस्पिटल में ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों को इलाज के लिए लाने की भी नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। लाइफ लाइन एक्सप्रेस में होने वाले इलाज से संबंधित मरीजों की पहचान का अभियान भी ग्राम स्तर पर चलाया जा रहा है। कटे-फटे होंठ, मोतियाबिंद, हड्डियों के विकार, कान की बीमारी से लेकर बीपी, शुगर, मिर्गी और दांत के रोगों से पीड़ित मरीजों की पहचान पहले ही कर ली जा रही है, ताकि 12 अक्टूबर से उन्हें इलाज के लिए लाइफ लाइन एक्सप्रेस तक पहुंचाया जा सके। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मितानिनों के माध्यम से सभी गांवों में घर-घर जाकर लाइफ लाइन एक्सपे्रस की सुविधाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है। बताया जा रहा है। लाइफ लाइन एक्सप्रेस में अपना इलाज कराने आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के ठहरने के लिए भी आवासीय व्यवस्था जिला प्रशासन स्तर पर नगर पालिक निगम की ओर से की गई है। इसके साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। उपचार के दौरान भर्ती मरीजों और उनके साथ आए एक परिजन को सुबह-शाम नाश्ता, दोपहर एवं रात्रि के भोजन की व्यवस्था भी नि:शुल्क की गई है। इसके अलावा लाइफ लाइन शिविर स्थल पर रियायती दरों पर भोजन एवं नाश्ते की उपलब्धता के लिए कैंटीन भी लगाई गई है। कैंप स्थल, आवासीय परिसर आदि में शुद्ध पीने का पानी और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था है। आपातकालीन स्थिति में लाइफ लाइन एक्सप्रेस को बिजली की आपूर्ति के लिए भी विद्युत विभाग से जरूरी व्यवस्थाएं की गई है। लाइफ लाइन एक्सप्रेस के माध्यम से वृहद स्तर पर जिले में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य परीक्षण, रोग उपचार, ऑपरेशन आदि के लिए मरीजों और जन सामान्य को उचित स्थानों तक पहुंचाने में जिले के डेढ़ सौ से अधिक स्काउट-गाइड और एनएसएस के कैडेटों की मदद ली जा रही है। विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के यह कैडेट वालंटियर के रूप में तैनात हैं। मरीजों को पंजीयन, डॉक्टरों तक पहुंचाने, दवाओं के वितरण और इलाज के बाद बाहर तक वापसी या संबंधित अस्पताल में भर्ती के लिए रवाना करने का काम इन कैडेट के हवाले है। प्रशासन द्वारा मरीजों एवं उनके साथ पहुँचने वाले परिजनों के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
वर्ष 2002 में पहली बार कोरबा पहुँची थी लाइफ लाइन
इंपेक्ट इंडिया फाउंडेशन और भारतीय रेलवे के प्रयास से वर्ष 1991 में शुरू हुई यह ट्रेन कोरबा में वर्ष 2002 में पहली बार आई थी और पांच हजार से अधिक लोगों को इलाज का लाभ मिल सका था। करीब 17 साल बाद दूसरी बार कोरबा रेल्वे स्टेशन में लाइफ लाइन एक्सप्रेस पहुंची है। ट्रेन में सात बोगी है, जिसमें दो बोगी में ऑपरेशन थिएटर स्थापित किए गए हैं। इनमें एक ही समय में पांच मरीजों का ऑपरेशन किया जा सकेगा। नि:शुल्क चिकित्सकीय सुविधा के लिए देश के 40 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम आगामी 21 दिन तक कोरबा में अपनी सेवांए देंगे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की ओर से एक हजार मोतियाबिंद के ऑपरेशन का लक्ष्य है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए पहले ही 500 मरीजों का पंजीयन किया जा चुका है। अलग-अलग बीमारियों के दो हजार से अधिक ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है।
अलग-अलग तिथियों में होंगे ऑपरेशन
लाइफ लाइन एक्सप्रेस हॉस्पिटल में जांच, उपचार व ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इसमें 12 से 16 अक्टूबर तक आंखों व मोतियाबिंद की जांच होगी, इनसे जुड़े रोगियों का ऑपरेशन 13 से 19 अक्टूबर तक चलेगा। मौखिक स्तन सरवाइकल कैंसर की जांच 12 से 21 अक्टूबर तक होगी। ऑपरेशन के लिए उपयुक्त मामले सामने आने पर ही ऑपरेशन किया जाएगा। इसी तरह बीपी व शुगर की जांच 12 से 31 अक्टूबर, कान के रोगियों का परीक्षण 18 से 20 अक्टूबर व 19 से 24 के बीच ऑपरेशन, कटे-फटे होंठ, जलने के बाद संकुचन का परीक्षण 26 व 27 अक्टूबर तथा ऑपरेशन 27 से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। मिरगी व दांतों का परीक्षण 26, 27 अक्टूबर को होगा।