नई दिल्ली(एजेंसी):केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) की ओर से वर्ष 2021 में आयोजित की जाने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए एग्जामिनेशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। एग्जामिनेशन फॉर्म 15 अक्टूबर तक भरे जाएंगे। अगर 15 अक्टूबर तक कोई विद्यार्थी फॉर्म नहीं भर पाता है तो विलंब शुल्क के साथ 16 से 31 अक्टूबर तक परीक्षा फॉर्म भर सकता है। बोर्ड की मानें तो प्रति छात्र परीक्षा शुल्क 15 सौ लगेंगे। वहीं विलंब शुल्क दो हजार रुपये अतिरिक्त देना होगा। सामान्य वर्ग के छात्रों को 15 सौ रुपये शुल्क देने होंगे। वहीं, एससी और एसटी केटेगरी के छात्रों को 12 सौ रुपये परीक्षा शुल्क देने होंगे। अतिरिक्त विषय लेने पर तीन सौ रुपये अलग से देना होगा।
इसके अलावा 12वीं में प्रायोगिक परीक्षा के लिए 150 रुपये प्रति विषय शुल्क अलग से देना होगा। वहीं, दसवीं की बात करें तो अतिरिक्त विषय के लिए तीन सौ रुपये प्रति विषय देना होगा। बोर्ड की मानें तो छात्र माइग्रेशन सर्टिफिकेट ले सकते है। इसके लिए 350 रुपये शुल्क देने होंगे।
कोरोना के कारण सीबीएसई ने 2020-21 सत्र के लिए कक्षा 9 से 12 तक की वार्षिक परीक्षा के लिए सिलेबस को 30 फीसदी तक कम भी किया है। सिलेबस में यह कटौती सिर्फ एक साल के लिए ही है। 2021 की वार्षिक परीक्षा के बाद 9वीं और 11वीं के स्टूडेंट्स को पूरा सिलेबस 10वीं और 12वीं में पढ़ना होगा।
सत्र 2020-2021 से होने जा रहे दो अहम बदलाव
सीबीएसई बोर्ड ने सेकेंडरी लेवल पर मैथ के सिलेबस में एप्लाइड मैथमेटिक्स का एक नया विकल्प जोड़ दिया है। इस विषय को वर्तमान सत्र 2020-21 से ही लागू किया है। जिन स्टूडेंट्स ने 10वीं में बेसिक गणित पढ़ी है, वे 11वीं में एप्लाइड मैथ का विकल्प चुन सकते हैं।
इसके अलावा सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 के प्रश्नपत्रों में बदलाव दिखेगा। विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में अब 20 फीसदी ऑब्जेक्टिव सवालों के जवाब देने होंगे। पहले केवल 10% ऑब्जेक्टिव सवाल ही परीक्षा में आते थे। यह नियम इसी सत्र यानी 2020-21 से सीबीएसई में लागू होने जा रहा है। सीबीएसई का यह आदेश ज्यादातर स्कूलों में पहुंच चुका है।