नई दिल्ली(एजेंसी): सफेद चावल (White Rice) भारतीय खान-पान का एक अभिन्न हिस्सा है। कई जगहों पर ये स्टेपल फूड है, जिसका इस्तेमाल करके कई तरह की डिशेज बनाई जाती हैं। लेकिन हाल के वर्षों में इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर (White Rice Side Effects) को लेकर काफी चर्चा हो रही है। कई लोग सफेद चावल को छोड़कर अन्य अनाजों की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि उनकी सेहत को फायदा मिल सके। आइए ऐसे में हम ये जानते हैं कि अगर आप एक महीने तक सफेद चावल न खाएं (Health Effects of Not Eating Rice for a Month), तो उससे आपके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है।
क्यों सफेद चावल हैं कम हेल्दी?
सफेद चावल को ब्राउन चावल को पॉलिश करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में चावल के दाने का बाहरी हिस्सा हटा दिया जाता है, जिसके साथ ही इसमें मौजूद कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी निकल जाते हैं। बाहरी हिस्से में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स शामिल होते हैं, जो पॉलिश करने के कारण बाहर निकल जाते हैं।
एक महीने तक सफेद चावल न खाने के फायदे
- वजन घटाने में मदद- सफेद चावल में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे यह जल्दी पच जाता है और आप जल्दी भूख महसूस करते हैं। वही दूसरी तरफ, अन्य अनाजों में जो आपको लंबे समय तक फुल रखता है।
- ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित- सफेद चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) ज्यादा होता है, जिसका मतलब है कि यह आपके ब्लड शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।
- पाचन में सुधार- सफेद चावल में फाइबर की कमी कब्ज जैसी पाचन समस्याओं को बढ़ा सकती है। अन्य अनाजों में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- हार्ट हेल्थ- सफेद चावल में ज्यादा मात्रा में स्टार्च होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाने में कोलेस्ट्रॉल की अहम भूमिका होती है।
- एनर्जी का स्तर स्थिर- सफेद चावल खाने से ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है, जिसके बाद तेजी से गिरता है। इससे थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है। अन्य अनाजों में कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे ऊर्जा का स्तर स्थिर रहता है।
किन बातों का रखें ध्यान?
- संतुलित आहार- सफेद चावल को पूरी तरह से खाने से न रोकें, बल्कि इसे अन्य अनाजों से बदलें, जैसे- ब्राउन चावल, जौ, बाजरा, ओट्स आदि।
- पोषक तत्वों की पूर्ति- सफेद चावल में मौजूद पोषक तत्वों की कमी को अन्य फूड आइटम्स से पूरा करें।
- व्यक्तिगत जरूरतें- हर व्यक्ति की पोषण संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं। किसी विशेष डाइट को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।