रायपुर@M4S: पूर्व सांसद और वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है। राजीव भवन में वन मंत्री मो अकबर,प्रेमसाय सिंह टेकाम, अनिला भेड़िया, सत्यनारायण शर्मा समेत कई नेता मौजूद हैं।रविवार को बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद आज कांग्रेस में शामिल हो गए। भूपेश बघेल ने कहा,आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है। और ऐसे समय में जिन्होंने गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया। ऐसे नंद कुमार साय आज कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसलिए उन्हें बधाई देता हूं।
आदिवासी नेता साय ने अपने इस्तीफे में लिखा:
मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। मेरी गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं आहत महसूस कर रहा हूं। उन्होंने अपना इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा था कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैंने बीजेपी में अपने सभी पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया।
चार दशक से ज्यादा पुराना नाता बीजेपी से तोड़ा
तीन बार के लोकसभा सांसद और तीन बार के विधायक साय पूर्व में छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्य प्रदेश दोनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। साय ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि उनके सहयोगी साजिश रच रहे थे। और उनकी छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे थे। जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ।
नंदकुमार साय का राजनीतिक सफर
बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरा एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले साय पहली बार १९७७ में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह १९८० में भाजपा की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। और १९८५ में तपकरा से भाजपा विधायक चुने गए।
१९८९, १९९६ और २००४ में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और २००९ और २०१० में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय २००३-०५ तक छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष और १९९७ से २००० तक मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख रहे।नवंबर २००० में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने। साय २०१७ में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने।