नई दिल्ली(एजेंसी):भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। करीब 100 मिलियन से अधिक भारतीय ऐसे हैं, जिनमें बहुत डायबिटीज होने का खतरा मंडरार रहा है। कुछ समय पहले आईसीएमआर की एक रिपोर्ट में इस चौंकाने वाली खबर का खुलासा किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय आबादी का 15.3% यानी लगभग 136 मिलियन लोग प्रीडायबिटीज स्टेज में हैं। यह खबर आपको डराने के लिए नहीं बल्कि सावधान करने के लिए है कि आप कैसे खुद को इस खतरनाक और लाइलाज बीमारी की चपेट में आने से बचा सकते हैं। डायबिटीज का संबंध केवल मीठा खाने से नहीं है बल्कि खाना खाने के रूटीन से भी है। इस आर्टिकल में हम इस पर चर्चा करेंगे।
क्या सुबह का नाश्ता छोड़ना सही है?
सुबह नाश्ता न करने से ब्लड शुगर लेवल में भारी उतार-चढ़ाव होता है, खासकर जब आप दोपहर में देर से भोजन करते हैं। वहीं, सुबह सबसे पहले नाश्ता करने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रह सकता है। अच्छे और हेल्दी फूड के साथ दिन की शुरुआत करने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है और इससे जुड़ी जटिलताएं भी कम हो जाती हैं। इसलिए मॉर्निंग ब्रेकफास्ट स्किप न करें।
डायबिटीज रिस्क के कई कारणों में से सबसे आम है डाइट, जैसा कि हमने पहले ही जिक्र किया है। ऐसे में उन सामान्य गलतियों पर चर्चा करना जरूरी हो जाता है, जो अक्सर लोग दोपहर के खाने के समय करते हैं। अक्सर लोगों में यह आदत देखी जाती है कि वह सुबह का नाश्ता छोड़कर दोपहर को हेवी मील लेते हैं। इसके अलावा कुछ लोग दोपहर के खाने के लिए कोई एक समय निर्धारित नहीं करते और जब भूख लगती है तब खा लेते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें और एक निश्चित समय निर्धारित करें क्योंकि दोपहर के खाने में शरीर के मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने की क्षमता होती है।
दोपहर के खाने में कुछ भी खाना खा सकते हैं?
बहुत से लोगों में यह आदत देखी जाती है कि केवल पेट भरने के लिए वे दोपहर के खाने में कुछ भी खा लेते हैं और उसके पोषण पर उनका कोई ध्यान नहीं होता। यह एक और अनहेल्दी हैबिट है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में तेजी से बदलाव होता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए लंच में कार्ब्स से लेकर प्रोटीन और हेल्दी फैट तक सब कुछ शामिल करें और एक बैलेंस्ड डाइट लें।
नेचुरल फूड्स की जगह पैश्चाराइज्ड फूड्स क्यों नहीं खाना चाहिए?
इन दिनों सुबह उठकर अपना नाश्ता तैयार करने से ज्यादा आसान लगता है सुपरमार्केट में मिलने वाले पहले से बने सैंडविच खरीदकर खाना। ये पैक्ड फूड आइटम्स व्यक्ति का पेट लंबे समय तक भरा हुआ रख सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये शरीर पर हानिकारक प्रभाव भी डालते हैं। ऐसे फूड्स में बहुत सारे नमक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे ये खाने में बेहतर तो लगते ही हैं, साथ ही खाने की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का भी इस्तेमाल करते हैं।
लंच से पहले या बाद में आर्टिफिशियल ड्रिंक क्यों नहीं पीना चाहिए?
आजकल मानो एक ट्रेंड सा बन गया है खाने के साथ कार्बोनेटेड या आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले ड्रिंक्स को पीना। आपको ऐसा करना तुरंत बंद कर देना चाहिए। सबसे पहले, यह आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है; दूसरा, इनमें केवल कैलोरी होती है और इनमें कोई पोषण मूल्य नहीं होता; तीसरा, ये भूख कम करते हैं और हेल्दी फूड्स खाने से रोकते हैं।
लंच के बाद तुरंत डेस्क पर वापस लौटना सही है?
हर व्यक्ति के पास काम का प्रेशर होता है, लेकिन इसके बावजूद खुद के लिए समय निकालना बेहद जरूरी है। खाने के तुरंत बाद सीट पर वापस आकर बैठने के बजाय 10 मिनट के लिए ही सही टहलने की आदत जरूर डालें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।