BALCO NAI KIRAN PROJECT:बालको नई किरण परियोजना ने महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में मजबूत कदम उठाया

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कोरबा@M4S: वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर कई स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को एक प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए एकजुट किया जिसमें माहवारी के बारे में सामान्य बातचीत और माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देना शामिल है। कंपनी ने अपने नई किरण परियोजना की मदद से पहल शुरू की है जो किशोरी बालिकाओं, महिलाओं और समुदायों के माहवारी स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ाने पर केंद्रित है। इस अवसर पर कोरबा जिले के 20 स्थानों में 1100 से अधिक व्यक्तियों तक पहुँचने के लिए कल्याण और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

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बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करने के लिए कटिबद्ध है। हम ऐसी दुनिया के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां लिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य अवसर के लिए बाधा ना हो तथा साथ ही सभी के लिए समान अवसर हो। व्यक्ति अपनी पहचान और स्वयं की भावना को पूरी गरिमा और सम्मान के साथ बनाए रखें। हमारी पहल का उद्देश्य एक न्यायसंगत और समावेशी समाज बनाना है जहां माहवारी के बारे में बातचीत सामान्य हो। सभी बिना भेदभाव के संसाधनों और समर्थन का उपयोग कर सकें जो उनका अधिकार है।

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सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से बालको ने अपने नई किरण परियोजना के अंतर्गत माहवारी स्वच्छता दिवस के तहत साप्ताहिक माहवारी स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। जिसमें सुरक्षित माहवारी के लिए प्रतिज्ञा, मां-बेटी, सास-बहू सम्मेलन , माहवारी कंगन एवं लाल डॉट अभियान, रात्रि चौपाल, विशेषज्ञ सत्र और वॉल पेंटिंग, एमएचएम रैलियां और बालको टॉक्स शामिल है।

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सुरक्षित माहवारी के लिए प्रतिज्ञा पहल ने कर्मचारियों, स्वास्थ्य कर्मियों और सेवा प्रदाताओं को प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे माहवारी के प्रति स्थानीय समुदाय के दृष्टिकोण, कार्यों और वातावरण में सकारात्मक बदलाव लाने की अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। अभियान के दौरान 50 से अधिक प्रतिज्ञा पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए जो समावेशी वातावरण बनाने, दूसरों को शिक्षित करने, स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों तक पहुंच सुनिश्चित करने और माहवारी के दौरान भेदभाव को दूर करने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शपथ लेने वालों ने दुकानों, क्लीनिकों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता पोस्टर लगाने का भी स्वागत किया।

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मां-बेटी, सास-बहू सम्मेलन के तहत कंपनी ने लोकप्रिय ‘सांप सीढ़ी’ खेल का मानवीय संस्करण तैयार किया जिसमें माहवारी पर बातचीत को सरल बनाया गया है। खेल की मदद से महिलाओं और परिवार के सदस्य ने उत्साहपूर्वक माहवारी स्वास्थ्य मिथकों और तथ्य पर खुलकर चर्चा की। माहवारी कंगन तथा लाल डॉट अभियान की मदद से समुदायों में किशोरी लड़कियों ने 28 मनकों का कंगन तैयार किया जो माहवारी चक्र का प्रतीक हैं। कंगन में रक्तस्राव के दिनों का प्रतिनिधित्व करने के लिए लाल मोती भी शामिल हैं। लड़कियों ने माहवारी के विषय की खुली चर्चा को गले लगाते हुए अपनी हथेलियों पर लाल बिंदु भी चित्रित किए। रात्रि चौपाल, समुदाय में माहवारी की समझ को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से बनी शैक्षिक फिल्में दिखाई गईं, जिसमें बालको की शार्ट फिल्म ‘सारिका- दोंद्रो की नई किरण’ भी शामिल थी। चैंपियन सारिका की कहानी माहवारी के अधिकार पर उनके प्रेरक अभियान का दस्तावेजीकरण है जिससे समुदायों को माहवारी विषय पर बेहतर जानकारी देने में मदद मिली।
फिल्म को  देखे

विशेषज्ञ सत्र जिसमें कंपनी ने सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय माहवारी स्वास्थ्य गठबंधन के स्थायी सदस्य श्री ओम प्रकाश गायरी के सत्र के साथ रात्रि चौपाल का समापन किया। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव, अंतर्दृष्टि और माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को साझा किया। उन्हें ‘बालको टॉक्स’ में बालको कर्मचारियों के साथ एक विशेष सत्र के लिए भी आमंत्रित किया गया था।

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वॉल पेंटिंग, एमएचएम रैलियां और विशेषज्ञ वार्ता में समुदाय के सदस्यों ने माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन रैली जैसे आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लिया तथा अपनी दीवारों को चित्रों से सजाया जो माहवारी के बारे में सकारात्मक संदेश देते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञों के नेतृत्व में विशेषज्ञ सत्र भी जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आयोजित किए गए जिससे ग्रामीण महिलाओं को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) पर व्यापक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिली।
बालको ने वर्ष 2019 से सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से कोरबा जिले के गांवों एवं नगर पालिक निगम क्षेत्रों में माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता परियोजना लागू अबतक 45 गांवों में जागरूकता पैदा करने और क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से लगभग 48,000 लोगों को संवेदनशील बनाने में मदद की है। इसका उद्देश्य महिलाओं और किशोरी बालिकाओं की माहवारी संबंधी विविध भ्रांतियों को दूर कर उन्हें स्वच्छता और स्वास्थ्य के अनेक आयामों से परिचित कराना है। परियोजना के अंतर्गत जी-9 समूह (सरपंच, मितानिन, पार्षद, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्व सहायता समूह की क्लस्टर अध्यक्ष) का गठन किया गया है। इस समूह के सदस्य माहवारी संबंधी जागरूकता लक्षित नागरिकों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 600 से अधिक समुदाय के सदस्यों को मास्टर ट्रेनर और समुदाय में बदलाव के पथप्रदर्शक के रूप में सक्षम बनाया है।

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