कोरबा@M4S: कमाऊपूत कोरबा की रेल यात्री सुविधा के नाम पर हमेशा से उपेक्षा होती रही है। जब चाहे टे्रनों के पहिए थाम दिए जाते है। तो आखिरी स्टेशन होने के कारण कोरबा पहुंचने वाली टे्रनों की लेटलतीफी का सिलसिला लंबे समय से बना हुआ है। जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
राजधानी से उर्जाधानी तक ट्रेन का सफर काफी मुश्किलों भरा बना हुआ है। इससे राहत दिलाने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रयास नहीं करने से यात्रियों की समस्या बढ़ती जा रही है। हसदेव एक्सप्रेस की बात करें या फिर लिंक एक्सप्रेस की। मेमू लोकल व पैसेंजर ट्रेन भी समय पर नहीं चल रही है। मंगलवार की रात यहां आने वाली हसदेव एक्सप्रेस जिसे 9.45 बजे कोरबा में होना था इस समय तक वह कापन में खड़ी थी। यह गाड़ी एक घंटा विलंब से कोरबा पहुंची तो बुधवार को कोरबा आने वाली लिंक एक्सप्रेस यहां 5 घंटा 16 मिनट देरी से आई। यह गाड़ी लगातार विलंब से चल रही है। यात्रियों की परेशानी इस बात को लेकर भी रही कि यह गाड़ी दोपहर 2.31 बजे चांपा से कोरबा के लिए रवाना तो हुई लेकिन 37 किलोमीटर की दूरी तय करने इसे 2 घंटा लग गया और यह गाड़ी 4.31 यहां पहुंच सकी।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर द्वारा लगातार जिले के यात्रियों की उपेक्षा की जा रही है। ब्लाक हो या न हो यहां की गाड़ियों को विलंब से चलाने की अनिवार्यता सी हो गई है। लिंक एक्सप्रेस रायपुर तक अपने निर्धारित समय में पहुंचती तो है, लेकिन उसके बाद इस गाड़ी को विलंब करना शुरू कर दिया है। इस गाड़ी के कोरबा आने का तय समय सुबह 11.15 बजे है, लेकिन यह गाड़ी मंगलवार को दोपहर 2.58 बजे तो बुधवार को शाम 5.16 बजे आई है। इसी तरह रायपुर से गेवरारोड आने वाली मेमू लोकल जिसके आने का समय 7.30 बजे का है।
यात्री ट्रेनों की बिगड़ी चाल, विलंब से पहुंच रही कोरबा यात्रियों को हो रही परेशानी, लंबे समय से बनी है समस्या
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