नई दिल्ली(एजेंसी):बीते कुछ समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शब्द काफी लोकप्रिय हुआ है। सोशल मीडिया या फिर न्यूज सर्फिंग के दौरान आपने इस शब्द को सुना जरूर होगा। इसके साथ बीते दिनों कई इमेज वायरल हुई, जिन्हें AI की मदद से क्रिएट किया गया था। इसके साथ ही कई न्यूज चैनल्स में आज AI एंकर भी मौजूद हैं, जो रोज न्यूज ब्रॉडकास्ट कर रही हैं।ऐसा लग रहा है कि AI अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अहम रोल निभाने के लिए तैयार है। हर क्षेत्र में इसका प्रयोग बढ़ रहा है। ऐसे में टेक्नोलॉजी के इस दिन को सेलेब्रेट करने के लिए दुनिया भर में 16 जुलाई को AI Appreciation Day के रूप में मनाया जा रहा है।
AI Appreciation Day
AI Appreciation Day साल 2021 में पहली बार मनाया गया, जब मानवता के लिए टेक्नोलॉजी के सकारात्मक योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को इसे लेकर शिक्षित करने के लिए AI Heart LLC को स्थापित किया गया था।
ऐसा कहा जाता है कि साल 1943 में मैककुलोच और पिट्स ने पहला मान्यता प्राप्त AI तैयार किया था। उन्होंने ट्यूरिंग-कम्पलीट न्यूरॉन का डिजाइन तैयार किया था। इसके बाद साल 2000 के दशक के बाद अलग-अलग सॉफ्टवेयर प्रोजक्ट में Google ने AI का इस्तेमाल शुरू किया।
भारत और एआई
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन इंसानों और उनकी नौकरी के लिए खतरा हो सकते हैं, इस बहस के बीच में शोधकर्ताओं का कहना है कि लोगों को AI को एक वरदान के रूप में अपनाना चाहिए। साल 2020 भारत 15 अन्य देशों के साथ ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) में शामिल हुआ है, जो उभरते या विघटनकारी टेक्नोलॉजी के लिए रिस्पॉन्सिबल इस्तेमाल के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
इसके साथ ही 2018 में, भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च और इसके इस्तेमाल के लिए इकोसिस्टम तैयार करने के लिए नेशनल स्ट्रेटजी पब्लिश की है। इसके साथ ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) में भी छात्रों को अप-टू-डेट रहने की सलाह दे गई है, जिसमें AI भी शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सरकार की AI को लेकर दूरदर्शी इसे सामाजिक विकास के लिए अहम रिसोर्स के रूप में देखने की है। ऐसे में AI और रोबोटिक्स में भारत नए अवसरों को देख रहा है।