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कोरबा@M4S: जिले की लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड को खरीदने की रेस से जिंदल पावर पीछे हट गई है। कंपनी ने लैंको अमरकंटक पावर प्लांट की नीलामी से अपना नाम वापस ले लिया है। जिंदल पावर ने अपनी याचिका वापस लेने के लिए एनसीएलटी के अमरावती बेंच में आवेदन किया है। जिंदल पावर के हटने के बाद अब रेस में देश की दो दिग्गज कंपनी और एक सरकारी फर्म है। देश के दो दिग्गज कारोबारी इसे किसी भी हाल में खरीदना चाहते हैं। लैंको अमरकंटक पावर को खरीदने की रेस में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज, गौतम अडानी की कंपनी अडानी पावर और सरकारी कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की अगुवाई वाला कंसोर्टियम इस होड़ में रह गए हैं।
लैंको अमरकंटक पावर भारी-भरकम कर्ज के बोझ में डूबी है। कंपनी पर 17 बैंकों का करीब 14632 करोड रुपए का कर्ज है। कर्ज का बोझ इतना बढ़ा कि कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। छत्तीसगढ़ के कोरबा चांपा स्टेट हाईवे पर थर्मल पावर प्रोजेक्ट चलाने वाली लैंको अमरकंटक पावर दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। ये पावर प्लांट हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को बिजली की आपूर्ति करती है। लैंको के पताढ़ी संयंत्र से हरियाणा और मध्य प्रदेश को 300-300 मेगावाट बिजली की सप्लाई की जाती है। लैंको अमरकंटक पावर के अधिग्रहण के लिए अब अडानी और अंबानी में होड़ मची है। अडानी पावर इस कंपनी को खरीदने के लिए काफी डेस्परेट है। कंपनी ने इसके अधिग्रहण के लिए अपनी बोली तक को बढ़ा दिया। कंपनी ने नवंबर में 3650 करोड़ रुपए के ऑफर को बढ़ाकर 4100 करोड़ रुपए कर दिया। वहीं रिलायंस ने शुरुआत में इसके लिए एक रेजॉल्यूशन प्लान दिया था। रिलायंस और अडानी दोनों ही पावर सेक्टर में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं। ऐसे में ये पावर प्लांट उसके लिए काफी अहम हो सकता है। लैंको अमरकंटक पावर प्लांट पहले चरण में 300-300 मेगावॉट की 2 यूनिट बनी हुई हैं। वहीं दूसरी दूसरे चरण में दो यूनिट बन रही हैं। जिनकी क्षमता 660 मेगावॉट की है। वहीं तीसरे चरण में भी 660 मेगावॉट क्षमता की दो यूनिट बननी हैं। जिसका काम भी शुरू हो चुका है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा होता तो इसकी क्षमता 1920 मेगावॉट बिजली पैदा करने तक पहुंच जाएगी। ऐसे में अडानी और अंबानी दोनों इस प्लांट को किसी भी कीमत पर खरीदना चाहते हैं।
लैंको अमरकंटक पावर भारी-भरकम कर्ज के बोझ में डूबी है। कंपनी पर 17 बैंकों का करीब 14632 करोड रुपए का कर्ज है। कर्ज का बोझ इतना बढ़ा कि कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। छत्तीसगढ़ के कोरबा चांपा स्टेट हाईवे पर थर्मल पावर प्रोजेक्ट चलाने वाली लैंको अमरकंटक पावर दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। ये पावर प्लांट हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को बिजली की आपूर्ति करती है। लैंको के पताढ़ी संयंत्र से हरियाणा और मध्य प्रदेश को 300-300 मेगावाट बिजली की सप्लाई की जाती है। लैंको अमरकंटक पावर के अधिग्रहण के लिए अब अडानी और अंबानी में होड़ मची है। अडानी पावर इस कंपनी को खरीदने के लिए काफी डेस्परेट है। कंपनी ने इसके अधिग्रहण के लिए अपनी बोली तक को बढ़ा दिया। कंपनी ने नवंबर में 3650 करोड़ रुपए के ऑफर को बढ़ाकर 4100 करोड़ रुपए कर दिया। वहीं रिलायंस ने शुरुआत में इसके लिए एक रेजॉल्यूशन प्लान दिया था। रिलायंस और अडानी दोनों ही पावर सेक्टर में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं। ऐसे में ये पावर प्लांट उसके लिए काफी अहम हो सकता है। लैंको अमरकंटक पावर प्लांट पहले चरण में 300-300 मेगावॉट की 2 यूनिट बनी हुई हैं। वहीं दूसरी दूसरे चरण में दो यूनिट बन रही हैं। जिनकी क्षमता 660 मेगावॉट की है। वहीं तीसरे चरण में भी 660 मेगावॉट क्षमता की दो यूनिट बननी हैं। जिसका काम भी शुरू हो चुका है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा होता तो इसकी क्षमता 1920 मेगावॉट बिजली पैदा करने तक पहुंच जाएगी। ऐसे में अडानी और अंबानी दोनों इस प्लांट को किसी भी कीमत पर खरीदना चाहते हैं।