बैठक में चरणबद्ध आंदोलन का शंखनाद, पहले चरण में पालिका का घेराव
कोरबा@M4S:नगर पालिका परिषद दीपका अंतर्गत गौरव पथ मार्ग में कोल परिवहन को बंद करने पिछले 13 दिनों से धरना प्रदर्शन आंदोलन में समाजसेवी उमा गोपाल, बंशी दास महंत और क्षेत्रवासी डटे हुए हैं। 5 दिनों तक अनशन करने के उपरांत कटघोरा एसडीएम ने आंदोलन स्थल पहुंचकर टीम गठित कर एक हफ्ते के भीतर ठोस आश्वासन देते हुए वैकल्पिक मार्ग का निरीक्षण करने का आश्वस्त किया था। तब जाकर अनशन को समाप्त किया गया था और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रखने को कहा गया था, लेकिन सप्ताह बीत गया अभी तक इस आश्वासन पर कोई ठोस पहल नहीं हुआ। जिससे क्षेत्र के आम नागरिकों में नाराजगी व्याप्त है। अब उन्होंने चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है।
आंदोलनकारी उमा गोपाल, बंशी दास महंत और क्षेत्रवासियों का कहना है कि नगर पालिका परिषद दीपका क्षेत्र के विकास के लिए गौरव पथ मार्ग पर कोल वाहनों की गाडिय़ों को बंद करना बहुत ही जरूरी है। आज आंदोलन स्थल में बैठक कर आंदोलन को तेज करने के लिए चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया गया। पांच चरणों में आंदोलन को किए जाने का घोषणा किया गया। पहले चरण में नगर पालिका परिषद दीपका के क्षेत्रवासियों ने मांग किया था कि सामान्य सभा बुलाकर नगर पालिका दीपका से गौरव पथ मार्ग के लिए एनोसी मंजूरी को रद्द किया जाए। जिसमें एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने अपनी सहमति प्रदान करते हुए सामान्य सभा बुलाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन पालिकाध्यक्ष और नगर पालिका सीएमओ गौरव पथ मार्ग के मामले पर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इस कारण पालिका का घेराव सोमवार को किया जाएगा। दूसरे चरण में गौरव पथ मार्ग पर कोल वाहनों को ठप्प किया जाएगा। तीसरे चरण में थाना चौक पर कोयले से लदे गाडिय़ों को बंद किया जाएगा। चौथे चरण में श्रमिक चौक को जाम किया जाएगा और अंतिम पांचवें चरण में दीपका खदान को पूर्ण बंद का ऐलान किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अनेक सामाजिक संगठन राजनीतिक दलों और दीपका क्षेत्र के आम नागरिकों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन और सहयोग दिया है। उनका कहना है कि नगर पालिका परिषद दीपका क्षेत्र का इस मार्ग के कारण विकास रुक गया है। मार्ग में कोयला खदानों से कोल वाहनों की गाडिय़ों का आए दिन हजारों की तादाद में इस मार्ग से होकर प्रतिदिन गुजरते है। मार्ग से कोयला परिवहन के कारण दूसरी ओर क्षेत्र के आम लोगों के लिए बनाई गई सडक़ भी बड़े कोल वाहनों की वजह से कोयले के कीचड़ से सने हुए होते हैं। जिसके कारण आम नागरिकों का चलना भी मुश्किल हो गया है। कई मर्तबा टू व्हीलर चालक कोयले से सने हुए कीचड़ की परत से स्लिप कर गिर चुके हैं। गिरने से हाथ पैर फ्रैक्चर हो गए हैं और गंभीर चोटे आई है। पर्यावरण सुरक्षा के नाम पर एसईसीएल ने कुछ महीने पहले जनसुनवाई आयोजित की थी, लेकिन पर्यावरण के नाम पर आए दिन कोल डस्ट धूल प्रदूषणयुक्त पूरे क्षेत्र में कोहरे से ढकी रहती है। पर्यावरण के नाम से कोयला खदानों के अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।
आश्वासन के अनुरूप नहीं हुई वैकल्पिक मार्ग पर कार्यवाही, नाराजगी
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