कोरबा@M4S:डीपीएस स्कूल एनटीपीसी प्रबंधन पर आरटीई के तहत अध्ययनरत स्टूडेंट को एक-दो विषय में फेल होने पर टीसी निकालने की धमकी देने और पढ़ाई जारी रखने के लिए 1 लाख रुपए के डोनेशन की मांग किए जाने का गंभीर आरोप लगा है। पीडि़त अभिभावकों ने प्रबंधन की इस मनमानी के खिलाफ शुक्रवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित में शिकायत की है।
शासन ने आर्थिक रूप से कमजोर और अभाव ग्रस्त वर्ग के बच्चों को भी बड़े निजी स्कूलों में अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत योजना बनाई है। आरटीई के तहत पात्रता रखने वाले बच्चों को चयनित स्कूलों में कुल सीटों के 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क दाखिले की व्यवस्था दी जाती है। शासन ने योजना में कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान तो सुनिश्चित कर दिया है, लेकिन विभिन्न निजी स्कूलों में जिम्मेदार अधिकारियों का सतत निरीक्षण नहीं होने की वजह से गरीब परिवार से आरटीई कोटे में प्रवेशित बच्चों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार की शिकायत लगातार मिलती रही है। ऐसा ही एक और मामला शुक्रवार को कलेक्टोरेट में सामने आया। जहाँ डीपीएस एनटीपीसी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अभिभावक गंभीर शिकायत लेकर पहुंचे थे। इंदिरा नगर जमनीपाली से पहुंचे अभिवावक राम पूजन यादव समेत अन्य ने बताया है कि उनके बीपीएल वर्ग के बच्चे शासन के नि:शुल्क और बाल अनिवार्य शिक्षा के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहतडीपीएस एनटीपीसी स्कूल में आरटीई कोटे में अध्ययनरत हैं। जिनकी पढ़ाई का पूरा खर्च शासन वहन करती है।लेकिन उनके कक्षा पहली से लेकर आठवीं कक्षा में अध्ययनरत कुछ बच्चे जो एक दो विषय में कम अंक आने पर पूरक हो गए हैं ,उन्हें पूरक का कोई प्रावधान नहीं है कहकर टीसी देने की धमकी दी जा रही है। विद्यालय में दोबारा प्रवेश पर 1 लाख रुपए के डोनेशन की मांग की जा रही है।
टीसी निकालने की धमकी और डोनेशन मांगने का आरोप

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