कोरबा@M4S:शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चैतमा प्राचार्य संरक्षक एच आर निराला मार्गदर्शन में महाबीर चंद्रा कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई लाफा बाह्य परीक्षक एवं वीरेन्द्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी के उपस्थिति में छब्बीस स्वयं सेवकों ने A प्रमाण पत्र परीक्षा में बैठे। युवाओं के प्रतीक पुरूष स्वामी विवेकानंद छत्तीसगढ़ी माता के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। A प्रमाण पत्र परीक्षा में राजीव जोगी प्राचार्य राजकम्मा भी अपना विचार रखें। प्राचार्य एच आर निराला ने विचार कर स्वयं सेवकों को एनएसएस का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक सेवाओं के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करना है।विभिन्न प्रकार के सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिए
स्वयंसेवकों में भागीदारी, सेवा और उपलब्धि की भावना विकसित करना
श्रम और स्व-सहायता की गरिमा और शारीरिक कार्य और बौद्धिक दृष्टिकोण के संयोजन की आवश्यकता पर जोर देना। महाबीर चंद्रा ने स्वयं सेवको को
सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करना
आपात स्थिति और राष्ट्रीय आपदा से निपटने की क्षमता विकसित करना
नेतृत्व के गुण और एक लोकतांत्रिक रवैया हासिल करने के लिए
समुदाय की जरूरतों और समस्याओं की पहचान करना और उन्हें समस्या समाधान प्रक्रिया में शामिल करना
राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव का अभ्यास करने के लिए
ग्रामीण क्षेत्रों में वयस्कों के साथ मिलकर काम करने के लिए छात्रों और गैर-छात्रों को प्रोत्साहित करना।
एनएसएस आदर्श वाक्य
एनएसएस का आदर्श वाक्य या देखा जाने वाला शब्द ‘नॉट मी बट यू’ है। यह लोकतांत्रिक जीवन के सार को दर्शाता है और निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता को पुष्ट करता है। यह इस बात पर जोर देता है कि एक व्यक्ति का कल्याण अंततः समाज के कल्याण की ओर ले जाता है।
एनएसएस का प्रतीक चिन्ह उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के ‘रथ’ चक्र पर आधारित है। पहिए सृजन, संरक्षण और मुक्ति के चक्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और समय और स्थान के पार जीवन में गति को दर्शाते हैं। इसका तात्पर्य सामाजिक परिवर्तन और उत्थान के लिए स्वयंसेवकों के निरंतर प्रयास से भी है। कार्यक्रम अधिकारी वीरेन्द्र कुमार बंजारे ने आभार व्यक्त किया ।स्वयं सेवकों को अपने जीवन में अनुशासन, सेवा भाव,उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।A प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए प्रत्येक वर्ष 120 घंटा कार्य करना अनिवार्य रूप है।दो वर्षों में 240 घंटा नियमित गतिविधियों एवं विशेष शिविर के माध्यम से कार्य करना अनिवार्य है।स्वयं सेवक समीर कंवर, संदीप, अरुण, कोमल, संजय, अल्का कंवर ,निशा,रजनी कंवर,रीना, निखिल इत्यादि स्वयं सेवक ने सहभागिता निभाई।