पुनर्वास, रोजगार और मुआवजा की मांग को लेकर भू विस्थापितो ने एस ई सी एल प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा 

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 दीपका से राजेश साहू की रिपोर्ट 
कोरबा@M4S:कोरबा में एसईसीएल की गेवरा खदान से प्रभावित ग्राम भठोरा के भू विस्थापितों ने खदान में चल रहे मिट्टी खनन और कोयला परिवहन के काम को बंद करा दिया है,ग्रामीणों की मांग है कि जब तक पुनर्वास रोजगार और मुआवजा की समस्या दूर नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा,खदान में मिट्टी खनन और कोयला परिवहन ठप होने से गेवरा प्रबंधन परेशान हैं, ग्रामीणों को समझाने के लिए प्रबंधन से जुड़े अधिकारी सीआईएसएफ जवानों के साथ मौके पर पहुंचे हैं,ग्रामीणों को समझाने की कोशिश जारी है,लेकिन ग्रामीण आंदोलन को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है,ग्रामीण घटनास्थल पर गेवरा के मुख्य महाप्रबंधक और कटघोरा के अनुविभागीय दंडाधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि दोनों अधिकारियों की उपस्थिति में ही बात करेंगे, एसईसीएल प्रबंधन गेवरा खदान विस्तार के लिए ग्राम भठोरा की 359  एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। जमीन अधिग्रहण की नीति के अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि प्रबंधन को 230 खातेदारों को बसाहट के लिए जमीन उपलब्ध कराना  हैं। खदान से प्रभावित लोगों को कंपनी की रोजगार नीति के अनुसार नौकरी भी उपलब्ध कराया जाना है। साथ ही जमीन के बदले मुआवजा भी प्रदान किया जाना है,गुरुवार को ग्राम मथुरा के ग्रामीण जिसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग युवा महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, ग्राम भठोरा की अपनी जमीन पर पहुंचे, मिट्टी खनन में लगी मशीनों को बंद करा दिया, गाडिय़ों को भी रोक दिया। प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी चालू कर दी, मिट्टी खनन रोकने के बाद भठोरा के लोग गेवरा खदान के भीतर पहुंच गए। ग्रामीणों ने कोयले के परिवहन को भी ठप करा दिया, ग्रामीण कोयले की फेस के पास ही बैठ गए हैं, घटनास्थल पर गेवरा के महाप्रबंधक पी पाल और और कटघोरा के अनुविभागीय दंडाधिकारी सूर्य किरण तिवारी को बुलाने की मांग कर रहे हैं,हरदीबाजार  पुलिस मौके पर तैनात है।    

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