छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति : नवीन उद्योग की स्थापना के लिए शर्तोंं को पूर्ण करना अनिवार्य

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रायपुर@M4S:प्रदेश सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति बनाई गई है। यह नीति वर्ष 2019 से 2024 तक के लिए होगी। इसके अन्तर्गत अब नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए विभिन्न शर्तो को पूर्ण करना अनिवार्य है। इस नई उद्योग नीति से राज्य के जन जीवन में नई ऊर्जा का संचार होने के साथ ही प्रदेश में उद्यमिता का विकास होगा।

उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ‘‘नवीन उद्योग’’ से आशय ऐसे उद्योग (उद्यम) से है जिसमें एक नवम्बर 2019 या उसके पश्चात् व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना है। इस हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा जारी वैध वाणिज्यिक उत्पादन प्रमाण पत्र भी धारित करना है। वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की एक नवम्बर 2019 को अथवा उसके पश्चात् तथा 31 अक्टूबर, 2024 को अथवा उसके पूर्व की तिथि वर्णित हो, इसके साथ ही निम्नांकित शर्तों में से हुई एक की पूर्ति करना अनिवार्य है।

नवीन उद्योग की पात्रता हेतु निम्नांकित शर्तों की पूर्ति आवश्यक है। एकल स्वामित्व वाले प्रकरणों में भूमि उद्योग के स्वामी-औद्योगिक इकाई के नाम पर हों। एकल स्वामित्व वाले प्रकरणों से भिन्न प्रकरणों में भूमि औद्योगिक इकाई-कंपनी के नाम से होना अनिवार्य है। शेड-भवन-कंडिका एक की भूमि पर नवीन शेड एवं भवन निर्माण किया गया हो। प्लांट एवं मशीनरी-कंडिका एक एवं 2 की भूमि तथा शेड एवं भवन में नवीन प्लांट एवं मशीनरी स्थापित होना चाहिए। विद्यमान उद्योग के परिसर में औद्योगिक नीति 2019-24 के प्रभावी होने के पश्चात् नवीन उद्योग प्रस्तावित किया जावे। इस आशय हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र धारण करते हुए नवीन उद्योग के रूप में स्थापित किया जाकर इस नीति की अवधि में उत्पादन में आए तथा इस आशय का नियमानुसार जारी वैध प्रमाण पत्र भी धारण करता हो। यह भी आवश्यक है कि वह स्पष्ट रूप से पृथक इकाई के रूप में अस्तित्व रखता हो तथा इसे नवीन उद्योग की श्रेणी में मान्य किये जाने के लिए निम्नलिखित आवश्यक शर्तें पूर्ण करता हो। नियत दिनांक के पश्चात् नवीन इकाई के नाम से जारी उद्यम आकांक्षा, आई.ई.एम. आशय पत्र, औद्योगिक लायसेंस धारित होना चाहिए। उद्यम आकांक्षा, आई.ई.एम. एवं औद्योगिक लायसेंस वैध हो। नवीन उद्योग के नाम से पृथक जी.एस.टी. पंजीयन हो। उपरोक्त भूमि पर नवीन शेड-भवन निर्मित हो। नवीन निर्मित शेड-भवन में नवीन प्लांट एवं मशीनरी स्थापित की गई हों। नवीन उद्योग द्वारा पृथक से कच्चा माल क्रय एवं निर्मित उत्पादों के विक्रय संबंधी पंजीयन पृथक से संधारित हो। नवीन इकाई के पक्ष में सक्षम अधिकारी द्वारा उत्पादन प्रमाण पत्र जारी किया गया हो। विद्यमान परिसर में स्थापित पूर्व से विद्यमान उद्योग को प्राप्त औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन से संबंधित किसी अनुबंध-अधिसूचना का उल्लंघन न होता हो। यह भी आवश्यक होगा कि नवीन उद्योग का कच्चामाल अथवा उत्पाद विद्यमान उद्योग के कच्चे माल अथवा उत्पाद के रूप में उपयोग न होता हो अर्थात नवीन उत्पाद बैकवर्ड अथवा फारवर्ड इंटीग्रेशन के रूप में न हो एवं नवीन उत्पाद का वर्गीकरण विद्यमान उत्पाद से भिन्न हो।

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