नई दिल्ली(एजेंसी):जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय की उच्च स्तरीय जांच समिति ने 9 फरवरी को देशविरोधी नारे लगाए जाने की घटना को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ छात्रों को जेएनयू के नियमों का उल्लघंन करने का दोषी पाया गया है। विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक इस तरह के मामलों में कार्रवाई का प्रावधान है।
चीफ प्रॉक्टर ऑफिस संबंधित छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। इससे पहले जेएनयू प्रशासन ने बीते नौ फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में अफजल गुरू की फांसी के विरोध में आयोजित एक विवादित कार्यक्रम के सिलसिले में निलंबित किए गए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित आठ छात्रों का शैक्षणिक निलंबन वापस ले लिया था।
मामले की जांच के लिए गठित विश्वविद्यालय की एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा जेएनयू के अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद निलंबन वापस लेने का फैसला किया गया।
बहरहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है कि निलंबन करने का मतलब यह नहीं है कि उसने छात्रों को क्लीन चिट दे दी है। प्रशासन ने कहा था कि कुलपति एम जगदीश कुमार की ओर से रिपोर्ट के परीक्षण के बाद ही इस बाबत अंतिम फैसला किया जाएगा।
संसद पर हमले के दोषी अफजल की फांसी के विरोध में नौ फरवरी को आयोजित विवादित कार्यक्रम के एक दिन बाद यानी 10 फरवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन ने उच्च-स्तरीय समिति गठित कर उसे मामले की जांच करने के लिए कहा था। विश्वविद्यालय ने 12 फरवरी को आठ छात्रों को निलंबित कर दिया था ।