हाथियों का आतंक:ऐतमानगर रेंज में  दंतैल हाथी ने ग्रामीण को मारा 

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मछली मारने गया था नदी तट,10 दिनों में तीसरी मौत
कोरबा@M4S: कटघोरा वनमंडल के एतमानगर वन परिक्षेत्र में गत दिनों हाथी ने मछली पकडऩे गए दो ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला था। बीती रात पुन: मछली मारने गए एक ग्रामीण का सामना हाथी से हो गया। हाथी ने ग्रामीण को मौत की नींद सुला दी। इस घटना से ग्रामीणों में भारी दहशत है। वन विभाग हाथियों को खदेडऩे में लगातार नाकाम साबित हो रहा है जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
बांगो थाना अंतर्गत ग्राम नानलेपरा निवासी चैतराम धनुहार पिता धनीराम धनुहार शनिवार की रात्रि लगभग 9 बजे मछली जाल लेकर गांव के पास स्थित हसदेव नदी तट मछली मारने गया हुआ था। नदी में जाल डालकर वह घर की ओर लौटने वाला था इसी दौरान उसका सामना हाथी से हो गया। हाथी ने उसे कुचलकर मार डाला। पूरी रात चैतराम घर नहीं लौटा। परिजन उसके गायब हो जाने से चिंतित थे। सुबह लगभग 6 बजे परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। परिजनों व ग्रामीणों ने देखा कि नदी किनारे चैतराम का शव पड़ा हुआ है। शव की हालत देखकर उन्हें समझते देर हीं लगी कि हाथी ने उसे कुचलकर मार डाला है। परिजनों ने इसकी सूचना बांगो थाना प्रभारी व वन विभाग को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय चीरघर रवाना कर दिया। वहीं वन विभाग द्वारा मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है।
चेतावनी के बाद भी जंगल जाते हैं ग्रामीण
ऐतमानगर वन परिक्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से हाथियों द्वारा विचरण किया जा रहा है। जिसे लेकर वन विभाग व पुलिस ने ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की हिदायत दी है। इसके बाद भी ग्रामीण मछली पकडऩे व पुटू खोजने जंगल की ओर चले जाते हैं। जिनका सामना हाथियों से हो जाता है। कई लोगों की जान चेतावनी को दर किनार करने से जा चुकी हैं। दो ग्रामीण पहले भी मछली पकडऩे गए थे, जिन्हें हाथी ने मार डाला था।
ग्रामीणों में भारी दहशत
पिछले 10 दिनों के भीतर एतमानगर वन परिक्षेत्र में हाथी के हमले में तीन लोगों की जान जा चुकी हैं। हाथियों के बढ़ते उत्पात से ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों द्वारा रतजगा कर रात गुजारनी पड़ रही है। हाथियों को खदेडऩे ग्रामीण वन विभाग से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन वन अमला हाथियों को खदेडऩे में नाकाम सााबित हो रहा है। वन विभाग की माने तो पिछले एक माह से 20 हाथियों का झुंड वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है जो जान-माल की क्षति पहुंचा रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों की दहशत बनी   

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