पोताई घोटाले के दस्तावेज और वित्तीय प्रभार डिप्टी कलेक्टर को सौंपने के आदेश, घोटाला करने वाली प्राचार्य भारद्वाज पर हो सकती है कार्यवाही

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कोरबा@M4S:जिला लोक शिक्षा समिति में घमासान जारी है, 2013 में पोताई कराने और ब्लैक बोर्ड सप्लाई के नाम पर लाखों का घोटला करने वाली भ्रष्ट प्राचार्य सीमा भारद्वार को प्रशासन डीपीओ पद का प्रभार देने के मूड में नहीं है। इसलिए लोक शिक्षा समिति का वित्तीय प्रभार फिलहाल डिप्टी कलेक्टर अजय उरांव को सौंपने के आदेश कलेक्टर ने जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही पोताई घोटाले से संबंधित समस्त दस्तावेजों को भी डिप्टी कलेक्टर के सुपुर्द करने के आदेश हैं।
डीपीओ के पद पर भारद्वाज का प्रतिनियुक्ति दिए जाने वाले शासनादेश के पश्चात वर्तमान डीपीओ सतीश प्रकाश ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। उक्त पत्र में लिखा गया था कि वर्ष 2013 में सीमा भारद्वाज और सहायक ग्रेड- 2 निरंजन गोभिल द्वारा जिले के 352 लोक शिक्षा केन्द्रों में पोताई का कार्य कराया गया था। इस कार्य की शिकायत के बाद जांच में इन दोनो के द्वारा संयुक्त रूप से मिलीभगत कर नियम विरूद्ध ढंग से फर्जी व्यक्तियों के नाम पर कोटेशन पारित किया था। लोक शिक्षा केन्द्रों मे पोताई कार्य के एवज में फर्जी व्यक्तियों को भुगतान किया गया। जिनके नाम व पते का कोई विवरण कहीं भी उल्लेखित नहीं है। इसलिए इस कार्य में कुल मिलाकर तीन लाख 46 हजार 460 रुपए का, कूटरचना कर गबन किया गया है। प्रतिवेदन में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है। आगे पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस घोटाले के समस्त दस्तावेज आज भी लोक शिक्षा समिति, कार्यालय में मौजूद है। ऐसी स्थिति में सीमा भारद्वाज को प्रभार देने के उपरांत जांच के दस्तावेज और अभिलेखों से छेड़छाड़ की संभावना है। प्राचार्य सीमा भारद्वाज जांच के दस्तावेज गायब भी करवा सकती है। अंत: घोटाले के दस्तावेजों को डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को सौंपने के संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है। ताकि जांच के दस्तावेज सुरक्षित रहें।

अब कलेक्टर ने जारी किया आदेश
सतीश प्रकाश के पत्र के बाद 18 सितंबर को ही कलेक्टर किरण कौशल ने आदेश जारी कर कहा है कि पोताई कार्य और ब्लैक बोर्ड की सप्लाई में घोटाले की जांच के दस्तावेजों में छेड़छाड़ की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए जांच के समस्त दस्तावेज डिप्टी कलेक्टर अजय उरांव को सौंपा जाए। लोक शिक्षा समिति का समस्त वित्तीय प्रभार भी अजय उरांव को सौंपा दिया गया है। जांच प्रतिवेदन में कूटरचना और गबन की पुष्टि होने के बावजूद सीमा भारद्वाज पर कार्यवाही नहीं हुई। बल्कि ऐसे अधिकारी को संरक्षण देते हुए शासन से उन्हें हाई स्कूल गोपालपुर से प्रतिनियुक्ति पर फिर से साक्षरता मिशन का डीपीओ बना दिया। इस मामले में तुमान निवासी फिरत पटेल ने एफआईआर दर्ज करने के लिए एसपी को भी ज्ञापन सौंपा था। यह पूरा मामला सन 2012-13 का है। जब सीमा भारद्वाज साक्षरता मिशन में जिला परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ थीं। जिसके विरूद्ध प्रेरक फिरत राम पटेल ने पोताई के नाम पर दस्तावेजों में कूटरचना कर फर्जी तरीके सरकारी राशि आहरित कर लेने की शिकायत कलेक्टर से की थी,सीएसपी दर्री के कार्यालय में जांच प्रक्रियाधीन। 

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