कोरबा@M4S:सर्वमंगला तिराहा पर बरमपुर, सर्वमंगला पुल और तरदा मार्ग से भारी वाहनों के साथ ही दो पहिया, चार पहिया, बस, सिटी बस सहित अन्य वाहनों को आवाजाही होती है। बावजूद इसके भारी वाहन चालक तिराहा से तेज रफ्तार में गाडिय़ों को निकालते हैं। इससे तिराहा पर हादसे की आशंका बनी हुई है। सबसे अधिक खतरा रात के समय रहता है। कई लापरवाह चालक भारी वाहनों को सडक़ के किनारे खड़ी कर देते हैं। कई बार बीच सडक़ पर भारी वाहन ब्रेक डाउन हो जाते हैं। इससे समस्या होती है और लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। रफ्तार से मार्ग पर धूल का गुबार उठ रहा है। रफ्तार और धूल के कारण हादसे का खतरा बना हुआ है। रफ्तार रोकने सर्वमंगला तिराहा पर बेरिकेड्स लगाने की जरूरत है।
सर्वमंगला अंडरपास और एप्रोच रोड का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। लेकिन अंडरपास के नीचे का मार्ग बदहाल है। भारी वाहनों के दबाव की वजह से मिट्टी की मोटी परत जम गई है। इस दौरान भारी वाहनों के चलने से धुल के गुबार लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
सर्वमंगला तिराहा से तरदा मुख्य मार्ग के सडक़ चौड़ीकरण के बीच सर्वमंगला मंदिर के पीछे से एप्रोच रोड का निर्माण किया गया है। निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। लेकिन अंडरपास और उसके आसपास के लगभग 100 मीटर की सडक़ अब भी बदहाल है। जर्जर सडक़ से भारीवाहनों की आवाजाही हो रही है। इसी मार्ग से दोपहिया, चार पहिया सहित अन्य वाहन चालक आना-जाना करते हैं। भारी वाहनों के दबाव की वजह से धुल के गुबार उड़ रहे हैं। धुल के गुबार की वजह से दो पहिया व चार पहिया वाहन चालकों का आवाजाही मुश्किल हो गया है। दो पहिया वाहन चालकों के आंखों में धुल जा रही है। साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरित प्रभाव पडऩे की संभावना बनी हुई है। बताया जा रहा है कि बदहाल सडक़ की वजह से दाएं और बाएं दोनों तरफ से आवाजाही मुश्किल हो रहा है। इस कारण अंडरपास से गुजरने से पहले भारी वाहन चालकों को सामने से आ रही गाड़ी देखना पड़ता है। अंडरपास से गाड़ी गुजरने के बाद अपनी गाड़ी आगे बढ़ता है। दरअसल जर्जर सडक़ की वजह से भारी वाहनों के ट्राली दूसरे वाहन से टकराने का खतरा बना रहता है। मार्ग से तरदा, कनकी, पाली, सोनपुरी के साथ ही जांजगीर-चांपा, बिलासपुर सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में आवाजाही करते हैं। मार्ग पर देर रात तक लोगों की आवाजाही होती है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। गौरतलब है कि इसके पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं। इसमें लोग घायल होने के साथ मारे भी जा चुके हैं।
सर्वमंगला तिराहा बना हादसों का ब्लैक स्पॉट, बेरिकेड्स लगाने की जरूरत धूल के गुबार और रफ्तार से हादसे का खतरा

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