कोरबा@M4S:कोरबा से दर्री मुख्य मार्ग पर यातायात काफी दबाव रहता है। मार्ग पर दोपहिया, चारपहिया, ऑटो, बस सहित अन्य वाहनों की आवाजाही होती है। कोहडिय़ा स्थित पुल है। इस पुल की सडक़ जर्जर थी। इसे प्रशासन ने मरम्मत करा दिया है। लेकिन रेलिंग की स्थिति अब भी अत्यंत जर्जर हालत में है। रेलिंग की जर्जर स्थिति को देखते हुए बांस-बल्ली और रस्सी से सुरक्षा घेरा का सहारा दिया गया है। लेकिन इसे व्यवस्थित ढंग से दुरूस्तीकरण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह दर्री, जमनीपाली, छुरीकला, कटघोरा सहित अन्य उप नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र को शहर से जोडऩे वाली मुख्य मार्ग है। मार्ग पर पहले भी हादसे हो चुके हैं।कोहडिय़ा स्थित जर्जर हो चुकी रेलिंग पुल और उसके आसपास पर्याप्त लाइट की सुविधा नहीं है। मार्ग पर शाम होते ही अंधेरा हो जाता है। इसकी वजह से मार्ग से शाम के बाद सफर करना मुश्किल हो जाता है। पुल पहले से ही संकरा है। इसमें भी अंधेरा होने से हादसे का खतरा बना रहता है। इधर कुचैना मोड़ के आसपास के सडक़ों पर डामरीकरण का काम किया गया है, लेकिन रेलिंग की स्थिति अब भी जर्जर है। मार्ग पर भारी वाहनों का दबाव रहता है। इसी मार्ग से दोपहिया, चारपहिया, ऑटो, बस सहित अन्य वाहनों की आवाजाही होती है। मार्ग पर पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं। हालांकि सडक़ के डामरीकरण होने से वाहन चालकों को आवाजाही में थोड़ी राहत मिली है। लोग रेलिंग सुधारने का इंतजार है।
कोहडिय़ा पुल पर बांस की रेलिंग का सहारा प्रकाश व्यवस्था के अभाव में हादसे का खतरा
