कुंभ में अनोखी शादी: संत होंगे बराती, सात फेरे लेंगी ग्रीस की पिनेलोपी; दूल्हेराजा कौन?

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 नई दिल्ली(एजेंसी): कुंभ मेले को लोग अपने जीवन में कुछ तरह भी जोड़ रहे हैं ताकि ये यादें जिंदगीभर के लिए खास बन जाएं। वहीं, दिल्ली के सिद्धार्थ भी कुछ ऐसा ही करने जा रहे हैं। उन्होंने कुंभ मेले में शादी करने का फैसला लिया है। 

26 जनवरी को परिणय सूत्र में बंधेंगें दोनों
त्रिवेणी का तट सृजन का केंद्र है। यह तथ्य सर्वविदित है कि यहां से धर्म-अध्यात्म की धारा निकलती है। शास्त्रीय मान्यता है लगभग एक माह तक यहां सभी देवता वास करते हैं। ऊर्जा की संपूर्ण धारा यहां से प्रवाहित होती है। 

ऐसे में यहां से नए जीवन की शुरुआत करना निश्चित ही अलग एहसास जगाएगा। तभी तो ग्रीस की पिनेलोपी दिल्ली के सिद्धार्थ शिव खन्ना के साथ यहां से अपने गृहस्थ जीवन के अध्याय में नए पन्ने जोड़ने जा रही हैं। 

वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी के शिविर में होगी शादी

मां गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के साथ समस्त देवों को साक्षी मानते हुए वह 26 जनवरी को सेक्टर 18 हरिश्चंद्र मार्ग स्थित जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी के शिविर में वैदिक रीति से परिणय सूत्र में बंधेंगे।

ग्रीस के एथेंस शहर की रहने वाली पिनेलोपी ने बताया कि उन्होंने अपने शहर के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से टूरिज्म मैनेजमेंट से स्नातक किया। इसके बाद उनका रुझान योग की तरफ बढ़ा।उन्होंने स्थानीय जिम में योग का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। वहां उन्हें वह संतुष्टि नहीं मिली, जिसे वह हासिल करना चाहती थीं। योग सीखने के लिए वह थाईलैंड गईं। यहां से वापस ग्रीस आईं तो योग और ध्यान के बारे में लोगों को बताने लगीं।

दोस्ती अचानक प्यार में बदल गई

तकरीबन नौ वर्ष पहले उनकी मुलाकात नई दिल्ली के वेस्ट पंजाबी बाग के सिद्धार्थ शिव खन्ना से हुई। सिद्धार्थ बतौर योग प्रशिक्षक वहां गए थे। दोनों की दोस्ती अचानक प्यार में बदल गई। सालभर पहले दोनों की मुलाकात जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी से हुई। अध्यात्म की तरफ झुकाव बढ़ा तो पिनेलोपी ने स्वामी यतींद्रानंद से दीक्षा ली।

शादी सभी रस्म की अदायगी होगी

प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के बारे में पिनालोपी को जानकारी हुई तो वह भी यहां आ गई। यहां पिनालोपी और सिद्धार्थ ने परिणय सूत्र में बंधने की जानकारी स्वामी यतींद्रानंद को दी तो उन्होंने भी सहमति दे दी। स्वामी यतींद्रानंद ने बताया कि वैदिक रीति से शादी सभी रस्म की अदायगी होगी। बारात शिविर से उठेगी और कुछ दूर गाजे-बाजे के साथ फिर शिविर लौटेगी। यहां आचार्य शादी कराएंगे। इस दौरान संत समाज ही बराती बनेंगे।

 

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