कोरबा@M4S: पिछड़ी जनजाति बिरहोर समुदाय से आने वाले श्यामलाल का कहना है कि हम पांच पीढ़ी से यहां रह रहे हैं। गरीबी इतनी थी कि कभी इतना पैसा भी नहीं जोड़ पाये कि अपने कच्चे घर को पक्का बना लें। मिट्टी का ही घर था, और इसी घर में हमारी कई पीढ़ी आई और चली गई। हम लोग भी बचपन से लेकर अभी तक इस कच्चे मकान में रह रहे हैं। कच्चे मकान में गुनाह तो नहीं, लेकिन यह भी सच है कि इन मकानों में आये दिन कई मुसीबत मोल लेकर रहना पड़ता है। बारिश के समय तो कच्चे घरों में मानों मुसीबत का पहाड़ ही टूट कर गिरता है। खपरैल से पानी की धार घर पर गिरती है। कपड़े से लेकर अन्य जरूरी सामानों को भिगाने के साथ हमारे बैठने-सोने की जगह को बर्बाद कर देती है। गरज-चमक के बीच घर में ही कैद होकर रहना पड़ता है और तेज बारिश में उखड़ती दीवारें हमारी धड़कनों को बढ़ाने के साथ हमें डर, सहम कर रहने विवश करता है। हमें खुशी है कि अभी तक हमने और हमारी माता-पिता सहित दादा-दादी ने यह मुसीबतें सहीं, लेकिन आने वाली पीढ़ी कच्चे मकानों में नहीं रहेंगी। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से मिले पीएमजनमन आवास में खुशियों के साथ बिना किसी डर और मुसीबत के रहने का मौका मिलेगा।
कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के अंतर्गत डूमरकछार निवासी पीवीटीजी श्यामलाल बिरहोर समाज से आते हैं। इन्होंने बताया कि हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि पक्के आवास का सपना हमारे लिए महज सपना ही है। हमारा जो कच्चा मकान है वही ठीक-ठाक नहीं है, ऐसे में पक्के मकान बनाने की सोंच भी नहीं सकते थे। श्याम लाल ने बताया कि घर पर उनकी पत्नी, बच्चे और बूढ़ी मां रहती है। वे पारम्परिक रूप से बांस लाकर टोकरी, सूपा आदि सामग्री बनाकर उसे बेचने का काम करते हैं। कुछ खेती है, उस पर धान की फसल उगाते हैं। उनकी अिर्थक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वे इतना पैसा कमा कर जोड़ सके कि पक्का घर बन पाए। उन्होंने बताया कि अभी तक की जिंदगी झोपड़ी में ही बीत गई। धन्य है देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का, जिन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति समाज की सुध ली और पीएम जनमन अंतर्गत हम जैसे अति गरीब परिवारों को पक्का आवास बनाकर दिया। उन्होंने बताया कि पक्का आवास बनकर तैयार है और जल्दी ही संपूर्ण कार्य पूर्ण होने के साथ ही वे अपने नये घरों में शिप्ट होंगे। बिरहोर श्यामलाल का कहना है कि कच्चे घरों में जो बारिश के दिनों की तकलीफें है वह आने वाली पीढ़ी को नहीं भुगतनी पड़ेगी। उनके बच्चे और नाती पक्के घर में बेफिक्र होकर आराम से रह पायेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में सरकार बनते ही 18 लाख पीएम आवास को मंजूरी देते हुए हितग्राहियों के खाते में राशि जारी की। राशि खाते में आते ही हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है। खास बात यह भी है कि देश के प्रधानमंत्री ने पीएम जनमन योजना से पीवीटीजी परिवारों को विकास से जोड़ते हुए इनके बसाहटो तक सड़क, इनके लिए आवास सहित अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने की पहल की है।