नई दिल्ली। Grahan 2025 Date: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण लगता है। वहीं, पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगता है। ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव पृथ्वी पर बढ़ जाता है। राहु और केतु मायावी ग्रह हैं। इसके लिए ग्रहण के दौरान मांगलिक कार्य करने की मनाही है। इसके साथ ही ग्रहण के समय खानपान से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है। लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि, बच्चे, वृद्ध एवं गर्भवती महिलाएं आवश्यकता पड़ने पर भोजन ग्रहण कर सकते हैं। आइए, साल 2025 में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण के बारे में जानते हैं-
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण
ज्योतिषियों की मानें तो साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। हालांकि, भारत में यह दिखाई नहीं देगा। अतः भारत में सूतक मान्य नहीं होगा। इस दिन चंद्र ग्रहण 05 घंटे 59 मिनट का रहेगा। चंद्र ग्रहण का समय प्रातः काल 09 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक है।
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण
ज्योतिषियों की मानें तो साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण
29 मार्च को लगेगा। हालांकि, भारत में यह दिखाई नहीं देगा। अतः सूतक मान्य नहीं होगा। इसके बावजूद ग्रहण के दौरान शास्त्र नियमों का पालन करें। साथ ही ग्रहण के समय भगवान विष्णु के नामों का जप करें।
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषियों की मानें तो साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक मान्य नहीं होगा। साधक ग्रहण के दौरान शास्त्र नियमों का पालन करें। सूर्य एवं चंद्र ग्रहण काल में जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु का ध्यान और मंत्र जाप करें। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इन मंत्रों के जप से जातक पर राहु की कुदृष्टि नहीं पड़ती है।