कोरबा(पाली) पानी बरसते ही पाली से कटघोरा के मध्य बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील सड़क कीचड़ से सराबोर हो जाती है।और यदि सूखा रहा तो उड़ते धूल के गुबार से सांस लेना दुश्वार हो जाता है।कहा जाए तो दोनों ही परिस्थिति में यातायात एवं पैदल यात्रियों को चलने में गंभीर समस्याएं सामने आती है।सड़क की हालत इस हद तक खराब है कि पाली से कटघोरा जाने पर बारिश व सूखे के दौरान गाड़ी चलाना तो दूर पैदल चलना भी लगभग असंभव सा प्रतीत होता है।वर्तमान हालात में रोजाना दोपहिया सवार सड़क की जद में आकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है तो बड़ी वाहनों के आए दिन फसने से जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के सड़क सुधार निर्देशों का भी सम्बंधित विभागीय अमलो पर कोई असर नही हो रहा है।ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों विभाग अमला जिला प्रशासन पर भारी पड़ रहा हो।सड़क की खस्ताहाल हालात को लेकर लगातार गंभीर दुर्घटनाओं की संभावना के बीच आवागमन करने वाले लोग जान हथेली पर लेकर सफर कर रहे है।कब किस वक्त सफर हादसे का रूप धारण कर ले।यह कुछ कहा नही जा सकता।आने वाले 15 अगस्त के ही दिन रक्षाबंधन का त्योहार है।इस दिन यह मार्ग और भी व्यस्त रहेगा।ऐसे में अगर जर्जर सड़क पर कोई बड़ा हादसा घटित होता है तो उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा ?अब तो खस्ताहाल सड़क सुधार की मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक मोहित केरकेट्टा ने कमर कस ली है।और अपने ही सरकार के विधायक द्वारा विभागीय अनदेखी से क्षुब्ध सड़क सुधार की मांग को लेकर 2 दिवस के भीतर मरम्मत कार्य प्रारंभ नही होने पर आर्थिक नाकेबंदी स्वरूप आंदोलन की चेतावनी भी दे दी गई है।देखना है कि जिला प्रशासन के सड़क सुधार निर्देश के बावजूद कानो में जूं ना रेंगने वाले विभाग पर विधायक की ललकार का कितना असर पड़ता है ?