कोरबा@M4S: गुरुवार को दीपोत्सव है, शाम होते ही पूरा शहर आकर्षक झालरों व दीयों से जगमगा उठेगा। शहर की रौनक सुबह होते ही शुरु होगी, जो की देर रात तक चहकती रहेगी। मानो मां लक्ष्मी साक्षात् घर-घर में विराजी होंगी। इससे पहले बुधवार को भी बाजारों में खासी चहल-पहल देखी गई। खासकर पटाखों के दुकानों में देर शाम तक खरीदारी होती रही।
लक्ष्मी पूजन पर गेंदे की माला का विशेष महत्व रहता है। सुबह से ही चौक-चौराहो में बिक्री शुरु हो जाएगी। गेेंदे की माला, कमल फूल, केले के पौधे सहित दूसरे फुलों की बिक्री विशेष प्रकार से होगी। खासकर टीपीनगर चौक, सुभाष चौक, घंटाघर चौक, कोसाबाड़ी चौक, सहित अन्य क्षेत्रों में अधिक बिक्री होगी। दीपोत्सव को देखते हुए कीमत में भी खासा इजाफा हो चुका है। एक माला की कीमत 50 रुपए से भी अधिक है। मंगलवार को जहां धनतेरस को आभूषणों, वाहन व दूसरे सामान की बिक्री हुई। वहीं नरकचौदस पर पूजन सामग्री की बिक्री चलती रही। शहर सहित उपनगरीय क्षेत्र में पूजन सामग्री, फल-फुल, बतासे, सहित अन्य सामानों की ब्रिकी खूब हुई। इस बार भी लोगो ने घरों की सजावट के लिए विद्युत सज्जा पर खासा जोर दिया है। छोटी-छोटी लाइटें बड़ों ने बच्चों की पसंद से खरीदी है। घर के द्वार से लेकर, आंगन, छत्त को जगमग किया गया है। चाइनीज लाइटों के अलावा नई वैराइटियों के लाइट भी आकर्षित करेंगे।
इसलिए खास है लक्ष्मी पूजन
धर्मशास्त्र के अनुसार पंचांग की गणना में सालभर में 24 अमावस्या का समायोजन रहता है। इनमें से पांच प्रमुखों मानी जाती है। पांच में से एक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या विशेष है। इसका खास महत्व यह है कि अमावस्या महालक्ष्मी के पर्व दीपावली से जुड़ी हुई है। इस दिन माता लक्ष्मी का पृथ्वी लोक पर आगमन का तिथि अनुक्रम माना जाता है। जो कि वैदिक 23 मंत्रों मे दशविद लक्ष्मी की प्राप्ति का, तपस्या का, पूजन का, तथा माता लक्ष्मी की विशेष कृपा के अन्तर्गत युग प्रभाव के आधार पर वर्तमान में लक्ष्मी कैसे प्राप्त की जाएं। पंच महाभूति में अग्नि, वायु, पृथ्वी सभी धन है।