उपभोक्ता फोरम का डाक विभाग को आदेश
शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
लिहाजा, उसने वह पूरी रकम यूपीआई के जरिये देने की पेशकश की, लेकिन उसमें भी कुछ तकनीकी कारणों से डाक के भुगतान को डिक्लाइन दिखा रहा था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रतिदिन लाखों लेन-देन होते हैं, अगर पूरी धनराशि लेकर भी कम दिखाई जाती रही तो सरकार को राजस्व का बहुत नुकसान होगा। उन्होंने इसे अवैध करार देते हुए इससे उन्हें गंभीर मानसिक परेशानी की बात कही।
डाक विभाग ने सफाई में क्या कहा?
वहीं, डाक विभाग ने उपभोक्ता फोरम को बताया कि उस समय कुछ तकनीकी कारणों से डिजिटल भुगतान स्वीकार नहीं हो रहा था। इसलिए उनसे कैश लिया गया था। उन्होंने बताया कि पोस्टल साफ्टवेयर में स्वत: ही 50 पैसे राउंड आफ हो रहे थे, जबकि वह राशि काउंटर एकाउंट सबमिशन में अलग से दिखा रही थी, इसलिए उनकी शिकायत स्वीकार करने योग्य नहीं है।
डाकघरों में मिलेगी SIP की सेवा
उधर, डाक विभाग निवेशकर्ताओं के लिए खुशखबरी लेकर आया है। दरअसल, डाक विभाग एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की सुविधा भी देगा। डाक विभाग ने इसको लेकर ऐप व पोर्टल तैयार कर लिया है। कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक ये सुविधा दी जा सकती है।
ग्राहकों के लिए एक और सेवा
डाक विभाग ने ग्राहकों को एक और सुविधा दी है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) और डा कघर में संचालित खातों का आपस में लिंकअप करके किसी भी समय बड़ी धनराशि का भुगतान कर सकेंगे।