सेजस चैतमा में यातायात नियम सड़क सुरक्षा,निजात,सायबर क्राइम, पॉक्सो एक्ट जनजागरूकता अभियान

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कोरबा@M4S:स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय चैतमा पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन में यातायात पुलिस ए एस आई मालिक राम जांगडे एवं पुलिस चौकी प्रभारी चन्द्रपाल खांडे एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई चैतमा के तत्वावधान में ग्राम पंचायत चैतमा सरपंच विपति बाई, उपसरपंच सुकालू प्रजापति ,प्राचार्य संरक्षक चंद्राणी सोम निर्देश पर पुलिस टीम कोरबा राकेश दुबे, निरज डेनियल, संतोष कुमार तिवारी, रजत कुमार कैवर्त, मनोज मारकण्डे के सहयोग से ब्यख्याता शिक्षक सुरेन्द्र सिंह नेटी, राखी विंध्यराज, पार्वती राम, विजेता चतुर्वेदी, भागीरथी श्रीवास,धनराज सिंह, नाबीउल्ला सिद्दिकी,आशीष उपाध्याय मुरारीलाल धीवर, चंद्रमुखी साहू, पूनम जायसवाल, निष्ठा जायसवाल,कीर्तन बघेल ,राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी वीरेन्द्र कुमार बंजारे के विशेष सहयोग से ए एस आई मालिक राम जांगडे, चन्द्रपाल खांडे ने यातायात नियम,निजात, सायबर क्राइम, नारकोटिक्स, नशे के खिलाफ, पॉक्सो एक्ट की जानकारी में बताया कि
यातायात और सड़क सुरक्षा नियम व्यक्ति को सड़कों और फुटपाथों पर चलने के लिए सक्षम बनाते हैं , जिससे दुर्घटनाओं, चोटों और मृत्यु की संभावना कम हो जाती है । ऐसे नियमों को समझने से पैदल चलने वालों को फुटपाथ का उपयोग करने और घातक दुर्घटनाओं से बचने के लिए क्रॉसवॉक का उपयोग करके सड़कों को पार करने में मदद मिलती है।
सड़क के बाईं ओर चलाएं गाड़ी
जेब्रा क्रॉसिंग पार करने वाले पैदल यात्रियों का रखें ख्याल
नशे में न चलाएं गाड़ी
गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात न करें
इशारे, हॉर्न और संकेत का करें इस्तेमाल
दूरी बनाए रखें


सीट बेल्ट लगाना और हेलमेट पहनना जरूरी
निजात अभियान की पहल है, जिसके तहत पुलिस टीम द्वारा शराब, गाँजा और अन्य नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री करने वाले कोचियों पर कार्रवाई की गई है। इस अभियान के अंतर्गत शहर से लेकर गाँव तक नशे के विरुद्ध लोगों के मध्य व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
इस अधिनियम को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2012 में पॉक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया है। इस कानून के अर्न्तगत नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीडन, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड-छाड के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित है।


कानून: आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (सी), धारा 66, आईपीसी की धारा 268, देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए फैलाए गए वायरसों पर साइबर आतंकवाद से जुड़ी धारा 66 (एफ) भी लागू (गैर-जमानती)। सजा: साइबर-वॉर और साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों में उम्र कैद। दूसरे मामलों में तीन साल तक की जेल और/या जुर्माना।सेजस स्कूल के विद्यार्थी स्वंय सेवकों ने कानून व्यवस्था यातायात के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की।

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